Aadhaar card is the most important document. Apart from your identity and address proof it is able to perform tasks related to KYC, Insurance etc.
इक्विटी म्यूचुअल फंड कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष (2015-16) के दौरान पहले 11 महीनों के दौरान 39 लाख निवेशक खाते या फोलियो जोड़े।
एडेलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी ने मंगलवार को कहा है कि वह वैश्विक कंपनी जेपी मॉर्गन के भारतीय म्यूचुअल फंड कारोबार का अधिग्रहण करेगी।
टैक्स सेविंग के लिए धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रपए तक सीमा से नीचे जितनी राशि कम पड़ रही है आप उसे ELSS में निवेश करके दोहरा फायदा उठा सकते हैं।
सेबी स्टार्टअप के लिए पूंजी जुटाने के नियम को आसान बनाएगा। ऐसा पूंजी बाजार को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न सुधार उपायों के मद्देनजर होगा।
लोग एफडी, इंश्योरेंस की बजाए म्यूचुअल फंड में इंवेस्टमेंट को तवज्जो दे रहे हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियां भी अलग-अलग इंवेस्टमेंट प्लान पेश कर रही हैं।
म्यूचुअल फंड्स मार्केट में निवेश करने का सबसे समझदारी भरा और आसान जरिया माना जाता है। यहां बड़े फंड मैनेजर्स आपके निवेश को मुनाफेमंद बनाने का काम करते हैं।
अगर आप सुकून भरा रिटायरमेंट चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि अभी से प्लानिंग शुरू कर दें। यहां जरूरी है कि अंधाधुंध निवेश की बजाए समझदारी से निवेश करें।
म्युचुअल फंड शेयर बाजार में निवेश का सुरक्षित जरिया माना जाता है। लेकिन यहां कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। तभी आपका निवेश फायदेमंद होगा।
हम बताने जा रहे हैं कि कैसे 80सी के सेविंग कर आप टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। साथ ही अतिरिक्त छूट हासिल करने के लिए क्या उपाय हैं।
म्यूचुअल फंड्स बेहतर निवेश विकल्प के रूप में सामने आए हैं, जहां न सिर्फ पैसा सुरक्षित रहता है बल्कि रिटर्न भी बेहतर मिलता है।
निवेशकों के हितों के संरक्षण के लिए सेबी ने म्यूचुअल फंड्स के जोखिम वाले कॉरपोरेट बांड्स में निवेश के नियमों को सख्त कर दिया है।
म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने के यहां दो तरीके हैं। या तो आप एक लंपसम राशि जमा कर सकते हैं या आप सिप का रास्ता अपना सकते हैं।
म्यूचुअल फंड कंपनियों ने 2015 शेयर बाजारों को लेकर अच्छा उत्साह दिखाया है। फंड कंपनियों ने इस साल अभी तक 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर खरीदे हैं।
शेयर बाजार में निवेश का एक बेहतरीन और सुरक्षित विकल्प म्युचुअल फंड होता है। लेकिन नए निवेशकों के लिए यहां भी मुश्किलें कम नहीं हैं।
बाजार नियामक सेबी जल्द ही स्टार्टअप्स और अन्य उद्यमियों को क्राउडफंडिंग के जरिये धन जुटाने का रास्ता उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही नए नियम जारी करेगा।
सरकार ने म्युचुअल फंड्स के लिए केवाइसी के नियमों में अहम बदलाव किया गया है। अगर निवेशक ने केवाईसी नियमों को पूरा नहीं किया है, तो म्युचुअल फंड स्कीम्स में पैसा नहीं लगा पाएंगे।
इमर्जेंसी फंड तैयार करना किसी भी सेविंग या निवेश के साथ इंस्ट्रूमेंट से भी जरूरी होता है, यह आपको भविष्य की अनिष्चितताओं से बचाने में सहायक होता है।
रेलीगेयर एंटरप्राइजेज ने म्यूचुअल फंड बिजनेस से बाहर निकलने का फैसला किया है। कंपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी पार्टनर इन्वेस्को को बेचेगी।
अक्सर हम प्रोडक्ट की नियम और शर्तों जाने परखे बिना एजेंट की बातों में आ जाते हैं और फिर बाद में पछताते है। इस मिस सेलिंग के बारे में हमें तब पता चलता है।
लेटेस्ट न्यूज़