ग्रामीण इलाकों के निवेशकों को इस बदलाव में शामिल करने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह की म्यूचुअल फंड इकाई महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने अगले पांच सालों में 1,300 जगहों पर अपनी उपस्थिति का लक्ष्य रखा है,
शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड द्वारा बैंक शेयरों में किया गया निवेश सितंबर में 21,600 करोड़ रुपये गिरकर 1.88 लाख करोड़ रुपये रह गया।
म्यूचुअल फंड उद्योग ने शेयर बाजारों में अस्थिरता रहने के बावजूद सितंबर माह में शेयर बाजार में 11,600 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया,
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने बुधवार को अपना नया फंड एक्सिस ग्रोथ ऑपर्च्युनिटीज फंड लॉन्च किया है।
देश के म्यूचुअल फंड हाउस के असेट अंडर मैनेजमेंट (प्रबंधन अधीन संपत्ति या एयूएम) में पिछले कुछ सालों से हुई अच्छी वृद्धि के बाद फंड हाउसों ने नए फंडों की पेशकश की है।
सोमवार सुबह वित्त मंत्री ने अपने ट्विटर हेंडल पर लिखा कि NBFC, म्यूचुअल फंड्स और SME’s में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहे, इसके लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी
रिटेल इन्वेस्टर म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए तेजी से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) का रास्ता अपना रहे हैं। अगस्त में सिप के जरिये म्यूचुअल फंड उद्योग ने 7,600 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
म्यूचुअल फंड कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करीब 33 लाख नए फोलियो जोड़े हैं। इससे जून अंत तक कुल फोलियो की संख्या सर्वकालिक उच्च स्तर 7.46 करोड़ पर पहुंच गई।
निवेशकों ने इस वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के निवेश से 43 प्रतिशत अधिक है।
अब आपको म्यूचुअल फंडों में निवेश करने के लिए किसी वेबसाइट या एजेंट की जरूरत नहीं रह गई है। आप फेसबुक मैसेंजर के जरिए भी म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकते हैं। भारत की प्रमुख स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी एचडीएफसी सिक्योरिटीज एशिया पैसिफिक क्षेत्र में फेसबुक मैसेंजर पर अपने वर्चुअल असिस्टेंट आर्या के माध्यम से म्यूचुअल फंड ट्रांजैक्शन शुरू करने वाला पहला ब्रोकर बन गया है।
भारत-22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के लिए सरकार को निवेशकों से 15,436 करोड़ रुपए की बोली मिली है। यह जुटाई जाने वाली राशि के दोगुना से भी अधिक है।
म्यूचुअल फंडों के प्रति निवेशकों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। यह बात इस आंकड़े से साबित हो जाती है कि अप्रैल-मई के दौरान निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों में 24,479 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
पूंजी बाजार नियामक Sebi ने म्यूचुअल फंड द्वारा लिये जाने वाले ‘अतिरिक्त खर्च’ में कटौती करते हुए इसे घटाकर 0.05 प्रतिशत कर दिया है। यह कदम म्यूचुअल फंड उत्पादों की लोगों के बीच पैठ बढ़ाने के लिये उठाया गया है।
म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है और ऐसे निवेशक खातों (फोलियो) की संख्या एक महीने में ही आठ लाख से अधिक बढ़कर अप्रैल 2018 के अंत में 7.22 करोड़ हो गई। वित्त वर्ष 2017-18 में 1.6 करोड़ निवेशक खाते तथा 2016-17 में 67 लाख खाते खुले।
निवेशकों ने अप्रैल महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 12,400 करोड़ रुपए का भारी निवेश किया है। इस तरह उनके प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) रिकॉर्ड 8 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गई हैं।
निवेशकों ने अप्रैल महीने में म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1.4 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इससे म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (AUM) बढ़कर 23.25 करोड़ रुपए पर पहुंच गयी, जो कि पिछले महीने से 9 प्रतिशत अधिक है।
SBI के जिन मौजूदा योजनाओं में बदलाव किया गया है , उनमें - मैगनम इक्विटी फंड , मैगनम मल्टीप्लायर फंड , इमर्जिंग बिजनेस फंड , एफएमसीजी फंड , आईटी फंड , फार्मा फंड और कॉर्पोरेट बांड फंड शामिल है
म्यूचुअल फंड से मार्च महीने में निवेशकों ने 50,000 करोड़ रुपए की निकासी की। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार लिक्विड और डेट फंडों से माह के दौरान बड़ी राशि निकाली गई।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) से निवेशकों का बाहर निकलना जारी है। वित्त वर्ष 2017-18 में निवेशकों ने Gold ETF से 835 करोड़ रुपए और निकाले। इस तरह यह लगातार पांचवां वित्त वर्ष रहा जबकि Gold ETF में कुल मिला कर निवेश से ज्यादा निकासी हुई है।
हर तरह की म्युचूअल फंड योजनाओं का अतिरिक्त शुल्क 0.20 प्रतिशत से घटाकर 0.05 प्रतिशत किया जाएगा, इससे म्युचूअल फंड खरीदना सस्ता होगा
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