सेबी के रजिस्टर्ड टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट के मुताबिक 10 साल से अधिक लंबे समय के लिए म्यूचुअल फंड निवेश बहुत अच्छा विकल्प है।
इसमें 3 फरवरी तक पैसा लगाया जा सकता है। निवेशक कम से कम 5,000 रुपये के साथ शुरुआत कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड से शुद्ध रूप से निकासी चालू वर्ष 2020 में जनवरी से नवंबर के दौरान 28,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। निवेशकों ने नवंबर महीने में मुनाफावसूली करते हुए इक्विटी योजनाओं से 30,760 करोड़ रुपये की निकासी की।
सेबी के मुताबिक म्यूचुअल फंड की प्रत्येक योजना की सभी परिसंपत्तियों और देनदारियों को अलग-अलग गिना जाएगा तथा एक दूसरे में उतार-चढ़ाव के असर से पृथक रखा जाएगा।
फ्रैंकलिन टेंपलटन ने सात दिसंबर को जानकारी दी कि उसने छह फिक्स्ड आय योजनाओं को व्यवस्थित तरीके से बंद करने के लिये यूनिट धारकों की सहमति मांगी है। इसके लिये 26-28 दिसंबर को इलेक्ट्रानिक वोटिंग होगी और 29 दिसंबर को संबंधित योजनाओं के यूनिट धारकों की बैठक होगी।
इक्विटी के अलावा गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में से भी नवंबर के दौरान 141 करोड़ रुपये की निकासी की गई।
निवेशकों का म्यूचुअल फंड की योजनाओं से पैसे निकलनने का सिलसिला जारी है। निवेशकों ने नवंबर महीने में मुनाफावसूली करते हुए इक्विटी योजनाओं से 30,760 करोड़ रुपये की निकासी की।
पिछले महीने एसआईपी मार्ग के माध्यम से म्युचुअल फंड्स ने 7,800 करोड़ रुपये जुटाये। यह इस साल मार्च के बाद एसआईपी के माध्यम से निवेश की किसी भी महीने की पहली वृद्धि है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले आठ महीनों में एसआईपी के माध्यम से निवेश 55,627 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
आंकड़ों के अनुसार, बी30 शहरों की संपत्तियां सितंबर अंत में 4.47 लाख करोड़ रुपये थीं। यह अक्टूबर अंत तक तीन प्रतिशत बढ़कर 4.61 लाख करोड़ रुपये हो गयीं।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, 45 फंड हाउस ने अक्टूबर माह में कुल 4.11 लाख नए खाते खोले हैं और इस तरह कुल फोलियो की संख्या बढ़कर 9,37,18,991 हो गई है, जो इससे पहले सितंबर में 9,33,07,480 थी।
अमेरिकी चुनाव पर चिंता और घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच निवेशक लगातार निवेश को भुनाये जा रहे थे। सितंबर तिमाही के दौरान इक्विटी केंद्रित म्यूचुअल फंडों से निवेशकों ने 7,200 करोड़ से अधिक भुनाये।
फ्रैकलिन टेंपलटन एमएफ ने कहा कि इन छह योजनाओं को 16 से 29 अक्टूबर के दौरान परिपक्वताओं, पूर्व-भुगतान और कूपन भुगतान से 438 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
यह लगातार तीसरा महीना रहा जब इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं से निवेशकों ने अपने पैसे निकाले हैं। इक्विटी खंड में सर्वाधिक प्रभावित मल्टी कैप फंड रहा। इसमें से 1,114 करोड़ रुपये की निकासी की गयी। उसके बाद लार्ज कैप योजनाओं में से 576 करोड़ रुपये निकाले गये।
सेबी के नए नियमों के मुताबिक मल्टीकैप फंड को निवेश का कम से कम 25% हिस्सा स्मॉलकैप में रखना होगा। हालांकि बाद में सेबी ने साफ किया कि फंड अपनी योजनाओं का उसके पोर्टफोलियो से मिलती जुलती दूसरी योजनाओं में मर्जर कर सकते हैं।
सेबी ने हाल ही मे आदेश दिया था कि मल्टी कैप स्कीम में लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में कुल एसेट्स का कम से कम 25-25 फीसदी निवेश होना जरूरी है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों ने जुलाई-अगस्त के दौरान शेयर बाजारों से 17,600 करोड़ रुपये की निकासी की है।
निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेरों पैसे होने चाहिए। आप हर महीने 500 या 1000 रुपए के साथ भी निवेश कर अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
अगस्त में म्यूचुअल फंड योजनाओं में से निवेशकों ने कुल 14,553 करोड़ रुपये निकालें है। जबकि जुलाई में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड की स्कीम में कुल 89,813 करोड़ रुपये का निवेश किया था। हालांकि जुलाई और अगस्त में इक्विटी या उससे जुड़ी योजनाओं से निवेशकों ने लगातार पैसे निकाल हैं।
एक्सिस ग्लोबल अल्फा इक्विटी फंड ऑफ फंड को लॉन्च हो गया है। ये एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है जो कि निवेशकों को ग्लोबल इक्विटी में निवेश का मौका देंगी। एनएफओ 4 सितंबर से 18 सितंबर 2020 तक खुलेगा।
येस बैंक ने कहा कि व्हाइट ओक इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के पास अधिग्रहण करने वाली कंपनी की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेकिन अंतत: खरीदार कंपनी के लाभार्थी प्रशांत खेमका हैं
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