आप इसमें फंड (Mutual Funds) कब खरीदना है या कब बेचना है इसकी चिंता किए बिना बाजार के उतार-चढ़ाव में अनुशासित तरीके से निवेश करते हैं.
जब आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं, तो आपको मार्केट के समय के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
मंथली एसआईपी आपके कई बड़े वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने में मददगार साबित हो सकता है. आप चाहें तो करोड़पति भी बन सकते हैं.
हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट दोनों को बेहद आकर्षक बनाता है। इसलिए, इक्विटी और डेट का संयोजन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
Passive Funds: निवेश की दुनिया में हर रोज कुछ ना कुछ नया आम निवेशक के सामने आता रहता है। इन दिनों पैसिव फंड में पैसा लगाने की चर्चा काफी हो रही है। बड़े निवेशक पैसा लगाना भी शुरू कर दिए हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
Mutual Fund: अगर आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने में मजा आता है तो आपको पता होना चाहिए कि SIP और Lumpsum में से कौन बेस्ट है? आइए आज जानते हैं।
हेलियोस कैपिटल के प्रमुख संस्थापक समीर अरोड़ा और जेरोधा के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नितिन कामत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
आप म्यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
Mutual Funds Investors: म्यूचुअल फंड से जुड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर आई है। अगर आप एसआईपी के जरिए पैसा निवेश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है।
Higher Return: पैसों को अलग-अलग स्कीम में निवेश कर इसे बढ़ाना ही एक बेहतर निवेदक की पहचान है। नए लोगों के लिए निवेश कर इसके जरिए प्रॉफिट कमा पाना काफी मुश्किल होता है। बैंक FD और म्यूचुअल फंड में से किसमें निवेश बेहतर है?
म्यूचुअल फंड निवेश में दूसरी जो बात गौर करने वाली है वह यह है कि कोई फंड हाउस कितनी अच्छी तरह जोखिम का प्रबंधन करता है।
Why Small Cap Funds: स्मॉल कैप फंड में निवेश बढ़ने के पीछे एक गणित है। अगर आप समझ गए तो आप भी अपना पैसा इसी फंड में लगाएंगे।
जून में एसआईपी के जरिये इक्विटी फंड में कुल 14,734 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जबकि मई में यह आंकड़ा 14,749 करोड़ रुपये था।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में 1.43 करोड़ एसआईपी बंद किए गए या परिपक्व हो गए। यह संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में 1.11 करोड़ एसपीआई की थी।
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। एक तरफ जहां नए निवेशक अपना पैसा सुरक्षित समझकर म्यूचुअल फंड में लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ बड़े निवेशक पैसा निकाल रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में नई योजनाओं के जरिये म्यूचुअल फंड उद्योग ने 62,342 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत कम है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह इक्विटी वर्ग में निवेश का लगातार 26वां महीना था।
खुदरा निवेशकों के खातों का औसत आकार मार्च, 2022 में 70,199 रुपये था, जबकि मार्च, 2023 में यह 68,321 रुपये रह गया।
वर्तमान में म्यूचुअल फंड में लगभग 6.36 करोड़ एसआईपी खाते हैं, जिनके माध्यम से निवेशक नियमित रूप से म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करते हैं।
मार्च महीने में देश की करीब 10 बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों ने कई नए स्टाॅक्स में पैसा लगाएं हैं।
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