Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों के लिए बड़ी खबर आई है। सेबी के नए आदेश में एक म्यूचुअल फंड कंपनी को बंद कर दिया गया है। आइए पूरी खबर पढ़ते हैं।
निवेश करने के लिए लोग Best Return Mutual Fund की तलाश करते हैं। अगर आप भी बेस्ट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो इन तीनों के बारे में जरूर जानें।
Mutual Fund Tips: म्यूचुअल फंड में पैसा लगाकर हर कोई अधिक रिटर्न बनाने की चाहत रखता है। कम ही लोगों को सफलता मिल पाती है। अगर आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है।
निवेशक बिना किसी प्रीपेमेंट या फोरक्लोजर चार्ज के अपने लोन का भुगतान कर सकते हैं। निवेशक द्वारा खर्च की गई रकम पर लोन की अवधि का ही ब्याज लिया जाएगा।
यह इन्वेस्टमेंट प्लान एसआईपी की तरह ही है। लेकिन इसमें निवेशक अपनी जरूरत के मुताबिक प्रति महीने या तीन महीने पर नियमित आय प्राप्त कर सकता है।
अब से चंद घंटे बाद नया वित्त वर्ष 2023-24 शुरू हो जाएगा। ऐसें में 31 मार्च की तारीख कैलेंडर पर बदलने से पहले पांच जरूरी काम कर लीजिए। वरना आपको बड़ा घाटा झेलना पड़ सकता है।
नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में ही म्यूचल फंड में निवेश करने वाले लोगों को 4 नियमों का पालन करना जरूरी है। इससे उन्हें बेहतर रिटर्न और निवेश की सुरक्षा दोनों में मदद मिलेगी। अगर आप भी एक निवेशक हैं तो इन 4 नियमों को ना करें नजरअंदाज नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान।
वित्त विधेयक 2023 पारित होने के बाद 1 अप्रैल से Tax Rules में बदलाव होने वाले हैं। इक्विटी फंड, लोन और सोना में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने वाले लोग इंडेक्सेशन बेनिफिट नहीं ले पाएंगे। अगर आपने भी Debt Mutual Funds में SIP पर निवेश किया है तो इन उपायों को अपनाएं।
Mutual Funds: बाजार नियामक सेबी ने जून 2022 में म्यूचुअल फंड को सात अरब डॉलर की निर्धारित सीमा के भीतर विदेशी शेयरों में निवेश की दोबारा मंजूरी दी थी। अब फिर एक और तारीख तय की है।
Mutual Funds News: अपने भविष्य की योजनाओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लोग तरह-तरह की स्कीम में पैसा निवेश करते हैं। इसमें उन्हें बैंक एफडी या किसी भी दूसरे प्लेटफॉर्म से ज्यादा अच्छा रिटर्न्स मिलता है। म्यूचुअल फंड उनमें से एक बेस्ट निवेश का ऑप्शन है। अब इससे जुड़ी एक बड़ी खबर आई है।
लार्ज मिड कैप फंड एक तरह से इक्विटी फंड है, जहां अब यहां अधिकाधिक निवेश हो रहा है। ऐसे में अगर आप भी निवेश के मौके तलाश रहे हैं तो आप भी लार्ज मिड कैप फंड में निवेश करके अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते समय अधिकतर लोग जोखिम से बचना चाहते हैं। उन लोगों के लिए बैंक एफडी एक बेहतर विकल्प है। क्या आप भी NPS, म्युचुअल फंड और बैंक एफडी में निवेश को लेकर कंफ्यूज है। इन तीनों के फायदे और ब्याज दर जानने के बाद आपके लिए निवेश करने में बहुत आसानी होगी।
शेयर बाजार में निवेश कर किसी भी रकम को बहुत ही जल्दी से दोगुना या 4 गुना तक बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों को शेयर बाजार की जानकारी नहीं होती है वह म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इसमें निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड NAV कैलकुलेशन करना ना भूलें।
Tax loss Harvesting: अगर आपको एक वित्तीय वर्ष में म्यूचुअल फंड से मिलने वाले रिटर्न में नुकसान हुआ है तो टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग के जरिए इसमें कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है। आइए टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग के बारे में विस्तार से जानते हैं।
फंड्स में निवेश करते समय निवेशक कॉन्स्टेंट और टारगेट मैच्योरिटी फंड के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। ये क्या होते हैं और इसके क्या फायदे हैं इसे जाने बगैर निवेश करने से बचें। यहां कॉन्स्टेंट मैच्योरिटी फंड और टारगेट मैच्योरिटी फंड के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी आपके साथ शेयर करने जा रहें हैं।
Mutual Fund Updates: किसी भी कंपनी को अपना म्यूचुअल फंड प्लान शुरू करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से अंतिम मंजूरी लेनी होती है। इसके बिना संचालन करना संभव नहीं होता है।
अपने रिटायर्मेंट प्लान और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत से लोग SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। अगर आप भी ऐसे किसी फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रख लीजिए।
आमतौर पर निवेशक टैक्स की बचत करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इसमें निवेश करते समय कुछ लोग बाजार की टाइमिंग, जोखिक और एक्सपेंस रेश्यो के ऊपर ध्यान नहीं देते हैं। टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड से लंबे समय के लिए निवेश कर अच्छा रिटर्न ले सकते हैं।
म्यूचुअल फंड और स्टॉक्स में निवेश करने के बाद लोग इस पर नजर बनाकर रखना चाहते हैं। इसके लिए ज्यादातर लोग हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी लेते हैं। वहीं दूसरी तरफ कई ऐप्स और वेबसाइट्स उपलब्ध हैं, जिसके जरिए एक ही स्थान पर स्टॉक म्यूचुअल फंड को ट्रैक कर सकते हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि बीते साल कोष प्रबंधकों ने निश्चित आय की श्रेणी पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले साल की तुलना में 2022 में निश्चित आय की एनएफओ की संख्या दोगुना हो गई।
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