Types of SIP: एसआईपी के भी 7 प्रकार होते हैं। अगर आप भी एसआईपी शुरू करने जा रहे हैं तो इन्हें अच्छे से समझ लेना चाहिए।
जानकारों का कहना है कि करवाचौथ (Karwa Chauth) सिर्फ प्यार का जश्न मनाने का दिन नहीं है बल्कि यह एक साथ मिलकर अपने भविष्य की योजना बनाने का भी मौका है।
रिटायरमेंट प्लानिंग में आप म्यूचुअल फंड्स को भी शामिल कर सकते हैं। बाजार में कई रिटायरमेंट केंद्रित म्यूचुअल फंड मौजूद हैं जो कि आपकी कैपिटल को सेफ रखने के साथ बाजार का भी फायदा देते हैं।
म्यूचुअल फंड निवेश में बिना सोचे-समझे निवेश करना नुकसान दे सकता है। इसलिए हमेशा निवेश से पहले फंड के विषय में जानकारी लेना चाहिए। ऐसा कर आप न सिर्फ सही फंड का चुनाव कर पाएंगे बल्कि अपने निवेश पर बंपर रिटर्न भी पा सकेंगे।
40:40:20 रूल एक ऐसा नियम है जिसकी मदद से आप उतार-चढ़ाव भरे बाजार में भी अपने निवेश पर रिटर्न कमाने के साथ अपनी कैपिटल को भी सेफ रख सकते हैं।
Regular vs Direct Mutual Fund: म्यूचुअल फंड स्कीम दो प्रकार की होती हैं। पहला - रेगुलर म्यूचुअल फंड और दूसरा - डायरेक्ट म्यूचुअल फंड। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले इन दोनों की बारीकियों को समझ लेना चाहिए।
म्य़ुचूअल फंड्स के यूनिट बेचे बिना लोन की सुविधा का फायदा लेने के लिए एप्लीकेंट को 18 साल से ज्यादा उम्र का होना चाहिए। आप मिनिमम 25000 रुपये और मैक्सिमम 5 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं।
Zerodha की ओर से एक म्यूचुअल फंड स्कीम का ऐलान किया गया है। इसका सब्सक्रिप्शन 10 नवंबर तक खुला रहेगा। जीरोधा का एनएफओ ऐसे समय पर आया जब निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड्स की ओर से बढ़ रहा है।
Power of compounding: म्यूचुअल फंड्स में सही प्लानिंग के साथ अगर लंबे समय के लिए निवेश किया जाए तो आप अपने निवेश पर काफी अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं। आज हम एक ऐसे ही म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में बता रहे हैं, जिसने एक दशक में अपने निवेशकों का धन पांच गुना किया है।
मल्टी एसेट म्यूचुअल फंड वे होते हैं जो अपनी पूंजी को इक्विटी, डेट और कमोडिटी जैसे कई एसेट क्लास में निवेश करते हैं। यह फंड बाजार में उतार-चढ़ाव के समय निवेशकों को सही रिटर्न दिलान में मदद करता है। साथ ही निवेश पर जोखिम भी कम करता है। इसलिए लंबी अवधि में यह स्कीम शानदार रिटर्न देता है।
आप अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अपने वीज़ा डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर सकते हैं और उसे करेक्ट भी कर सकते हैं।
अगर म्यूचुअल फंड्स निवेशक एक जरूरी काम को पूरा नहीं करते तो उनके अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया जाता। निवेश की रकम को वह निकाल नहीं पाते।
अपॉर्च्युनिटीज फंड उन कंपनियों में निवेश करता है जो किसी न्यूज के कारण गिरावट के दौर में हैं या गिरावट के करीब हैं। कुछ समय बाद हालात बदलने से उस कंपनी में अच्छी तेजी आती है, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलता है।
अगले महीने से विदेशी खर्चों पर नया टीसीएस नियम (New TCS rule) भी लागू होगा। स्मॉल सेविंग्स अकाउंट के लिए भी नए नियम होंगे लागू।
आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में बॉन्ड म्यूचुअल फंड से 25,872 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जबकि इससे पिछले महीने इसमें 61,440 करोड़ रुपये डाले गए थे।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के एक सर्कुलर के मुताबिक, डीमैट या म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए नॉमिनी की डिटेल डालनी जरूरी है।
एडवाइजर खोज के को-फाउंडर द्वैपायन बोस कहते हैं कि लार्ज कैप फंडों में निवेश अच्छा आइडिया है क्योंकि ये फंड ट्रैक रिकॉर्ड, मजबूत बिजनेस मॉडल और अच्छी ग्रोथ योजना वाली बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं।
आप इसमें फंड (Mutual Funds) कब खरीदना है या कब बेचना है इसकी चिंता किए बिना बाजार के उतार-चढ़ाव में अनुशासित तरीके से निवेश करते हैं.
जब आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं, तो आपको मार्केट के समय के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
मंथली एसआईपी आपके कई बड़े वित्तीय लक्ष्य को पूरा करने में मददगार साबित हो सकता है. आप चाहें तो करोड़पति भी बन सकते हैं.
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