लंबी अवधि में बड़ा कॉर्पस तैयार करने के लिए म्यूचुअल फंड को इसलिए सबसे प्रभावशाली इंवेस्टमेंट टूल माना जाता है क्योंकि इसके जरिए आपको न सिर्फ बाजार के आकर्षक रिटर्न मिलते हैं बल्कि इसमें आपको कंपाउंडिंग का भी जबरदस्त फायदा मिलता है।
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए एनएफओ को एक अच्छा विकल्प माना जाता है क्योंकि इसमें सिर्फ 10 रुपये की शुरुआती NAV पर यूनिट्स मिल जाते हैं।
म्यूचुअल फंड्स निवेश से मिलने वाले आकर्षक रिटर्न को देखते हुए अब देश के आम निवेशक रिस्क के बावजूद बढ़-चढ़कर निवेश कर रहे हैं।
AMFI के आंकड़ों के मुताबिक निप्पॉन इंडिया लार्ज कैप फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान ने निवेशकों को पिछले 1 साल में 40 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के निदेशक-प्रबंधक शोध कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा कि छोटे और मझोली कंपनियों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड में निवेशक मुनाफा काट रहे हैं और उसे नए सिरे से लॉर्ज कैप फंड में लगा रहे हैं।
म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश पर रिटर्न की गणना करना बहुत ही आसान है। आप आसानी से अपने किए निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को गणना कर जान सकते हैं। इसके लिए कई सरल फॉर्मूला उपलब्ध है। कई ऑनलाइन टूल्स भी आजकल इंटरनेट पर मिल जाएंगे।
म्यूचुअल फंड पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए जरूरी है कि सही फंड का चुनाव किया जाए। हालांकि, बहुत सारे निवेशक सही फंड का चुनाव नहीं कर पाते हैं और बाद में मायूस हो जाते हैं। इसलिए किसी भी फंड में निवेश से पहले उसका रिकॉर्ड जरूर चेक करें। ऐसा कर आप सही रिटर्न ले पाएंगे।
मल्टी एसेट म्यूचुअल फंड वे होते हैं जो अपनी पूंजी को इक्विटी, डेट और कमोडिटी जैसे कई एसेट क्लास में निवेश करते हैं। यह फंड बाजार में उतार-चढ़ाव के समय निवेशकों को सही रिटर्न दिलान में मदद करता है। साथ ही निवेश पर जोखिम भी कम करता है। इसलिए लंबी अवधि में यह स्कीम शानदार रिटर्न देता है।
म्यूचुअल फंड निवेश में दूसरी जो बात गौर करने वाली है वह यह है कि कोई फंड हाउस कितनी अच्छी तरह जोखिम का प्रबंधन करता है।
निवेश करने के लिए लोग Best Return Mutual Fund की तलाश करते हैं। अगर आप भी बेस्ट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो इन तीनों के बारे में जरूर जानें।
आंकड़ों से पता चलता है कि बीते साल कोष प्रबंधकों ने निश्चित आय की श्रेणी पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले साल की तुलना में 2022 में निश्चित आय की एनएफओ की संख्या दोगुना हो गई।
सफल निवेशक कुछ अलग नहीं करते हैं, बल्कि वे काम को अलग तरीके से करते हैं।
शेयर बाजारों में म्यूचुअल फंड निवेश साल के पहले 10 महीनों में आधा घटकर 55,700 करोड़ रुपए रहा। इसका कारण खुदरा निवेशकों की म्यूचुअल फंड में भागीदारी का कम होना है।
म्यूचुअल फंडों को लेकर भारत में निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ता जा रहा है। निवेशकों ने नवंबर महीने में म्यूचुअल फंड में 1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
शेयर बाजार की तेजी में रिलायंस का मिड-स्मॉलकैप फंड, L&T मिडकैप फंड, DSP बीआर स्मॉल-मिडकैप म्यूचुअल फंड ने पिछले एक महीने में 3% का निगेटिव रिटर्न दिया है।
डीमॉनेटाइजेशन के बाद बैंकों में जमा हुई बड़ी रकम पर अच्छे रिटर्न पाने के लिए HNI (हाई नेटवर्थ इन्डीविजुअल) म्युचूअल फंड्स की ओर अग्रसर हुए है।
म्यूचुअल फंडों ने अप्रैल के दौरान शेयरों में 10,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया जो 5 महीने का उच्च्तम निवेश है।
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