आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि ये शानदार ग्रोथ इन फंड्स में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाती है। वर्तमान में, बाजार में सिर्फ 16 बिजनेस साइकल से जुड़े फंड्स हैं, जिनमें से सिर्फ 3 फंड्स ने 3 साल का समय पूरा किया है।
सितंबर में म्यूचुअल फंड निवेशकों ने कुल 71,114 करोड़ रुपये निकाले। जबकि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने अगस्त महीने में 1.08 लाख करोड़ रुपये का विड्रॉल दर्ज किया था।
महिंद्रा मैनूलाइफ स्मॉल कैप फंड ने अपने निवेशकों को एसआईपी के जरिए पिछले एक साल में 51.59 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। महिंद्रा मैनूलाइफ स्मॉल कैप फंड का मौजूदा फंड साइज 5279 करोड़ रुपये के आसपास है।
ELSS का पूरा नाम Equity-Linked Savings Scheme है। ईएलएसएस के नाम से ही मालूम चल जाता है कि ये एक इक्विटी लिंक्ड बचत स्कीम है। ईएलएसएस म्यूचुअल फंड्स में किए जाने वाले निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, उस पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि इसमें मिलने वाला रिटर्न लगातार ऊपर-नीचे होता रहता है। ऐसे में म्यूचुअल फंड में इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि आपको अगले साल भी पिछले साल जैसा ही रिटर्न मिलेगा।
31 अगस्त, 2024 तक इस स्कीम का एयूएम 3983.77 करोड़ रुपये था। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि निवेशकों ने इस फंड में कुल 3983.77 करोड़ रुपये निवेश कर रखे हैं। इस स्कीम का मौजूदा एनएवी 62.40 रुपये है। ये स्कीम Very High Risk के तहत आती है।
फोकस्ड फंड, म्यूचुअल फंड की वो कैटेगरी है जो एक निश्चित कंपनी के शेयरों में पैसा लगाती है। सेबी के नियमों के मुताबिक फोकस्ड फंड अधिकतम 30 कंपनियों के शेयरों में ही पैसा लगाते हैं।
कोटक महिंद्रा एएमसी के नेशनल हेड (सेल्स, मार्केटिंग और डिजिटल बिजनेस) मनीष मेहता ने कहा, ‘‘ एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और एनएफओ (न्यू फंड ऑफरिंग) के फ्लो के साथ नेट फ्लो लगातार उत्साहजनक बना हुआ है। एनएफओ के कारण स्कीम्स की थीमैटिक कैटेगरी में मजबूत फ्लो देखा गया।
यह जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड स्कीम के पिछले रिटर्न उसके भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं। किसी भी फंड में निवेश करने से पहले ऑफर से जुड़े दस्तावेज़ों को ध्यान से पढ़ें और निर्णय लेने से पहले सेबी-पंजीकृत निवेश सलाहकार से बात करें।
इंडस्ट्री के डाटा के मुताबिक इन्वेस्को इंडिया फोकस्ड फंड, महिंद्रा मनुलाइफ फोकस्ड फंड, जेएम फोकस्ड फंड और एचडीएफसी फोकस्ड 30 फंड जैसे कुछ फोकस्ड फंड्स ने पिछले साल 40-60 प्रतिशत तक का भारी-भरकम रिटर्न दिया है।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में निवेश में लगातार इजाफा हो रहा है। जून में यह आंकड़ा 40,608 करोड़ रुपये पर था। मई में 34,697 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया था। इसमें 9,563 करोड़ रुपये का एनएफओ निवेश था।
अगर आप प्रति माह 5,000 रुपये का निवेश करेंगे तो 26 साल (317 महीने) से थोड़ा अधिक समय में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे। अगर आप हर महीने 7,500 रुपये यानी अपने वेतन का 30% निवेश करते हैं, तो आप 23 साल या 276 महीनों में 1 करोड़ रुपये बचा लेंगे।
आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में बॉन्ड म्यूचुअल फंड से 25,872 करोड़ रुपये की निकासी हुई, जबकि इससे पिछले महीने इसमें 61,440 करोड़ रुपये डाले गए थे।
SIP में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी है। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट से पता चला है कि इस स्कीम से निवेशक से लेकर कंपनियां तक मालामाल हो रही हैं।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, 45 फंड हाउस ने अक्टूबर माह में कुल 4.11 लाख नए खाते खोले हैं और इस तरह कुल फोलियो की संख्या बढ़कर 9,37,18,991 हो गई है, जो इससे पहले सितंबर में 9,33,07,480 थी।
रिलायंस धीरूभाई अंबानी समूह के प्रमुख अनिल अंबानी ने Sebi से म्यूचुअल फंड के लिए निवेश और विज्ञापन नियमों को सरल करने को कहा है।
निवेश के लिहाज से सुरक्षित माने जाने वाले बॉन्ड और ऋण पत्रों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंडों में वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान निवेश बढ़ा है।
म्यूचुअल फंड उद्योग 2016 में काफी तेज रफ्तार से बढ़ा। साल के दौरान परिसंपत्तियों में लगभग चार लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ।
जोरदार निवेश के बीच जून में समाप्त तिमाही के दौरान देश की म्यूचुअल फंड कंपनियों की औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 14,000 अरब के नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई।
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