आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि ये शानदार ग्रोथ इन फंड्स में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाती है। वर्तमान में, बाजार में सिर्फ 16 बिजनेस साइकल से जुड़े फंड्स हैं, जिनमें से सिर्फ 3 फंड्स ने 3 साल का समय पूरा किया है।
रेगुलर प्लान वाली म्यूचुअल फंड स्कीम्स का एक्सपेंस रेशो ज्यादा होता है। ज्यादा एक्सपेंस रेशो का निवेशकों के ओवरऑल रिटर्न पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि फंड हाउस, डिस्ट्रिब्यूटर या एजेंट को दी जाने वाली फीस को निवेशकों पर डाल देता है।
Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में हमेशा लोन अच्छा रिटर्न पाने के लिए लोग निवेश करते हैं। आज इस आर्टिकल में हम उन फंड्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने निवेशकों को सबसे कम रिटर्न बीते तीन वर्षों में दिया है।
दूसरी ओर 55 प्रतिशत सक्रिय प्रबंधकों ने इस अवधि में सूचकांक से कमतर प्रदर्शन किया। इसके अलावा, 2022 में एसएंडपी बीएसई छह प्रतिशत बढ़ा और 77 प्रतिशत भारतीय ईएलएसएस (इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाएं) फंड ने सूचकांक को कमतर प्रदर्शन किया। एसएंडपी ‘इंडेक्स वर्सेज एक्टिव फंड इंडिया स्कोरकार्ड’ के अनुसार, 2022 में इंडियन कम्पोजि
ग्रामीण इलाकों के निवेशकों को इस बदलाव में शामिल करने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह की म्यूचुअल फंड इकाई महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने अगले पांच सालों में 1,300 जगहों पर अपनी उपस्थिति का लक्ष्य रखा है,
देश की प्रमुख म्यूचुअल फंड कंपनियों के खिलाफ 2016-17 में निवेशकों की शिकायतों का आंकड़ा 40 प्रतिशत बढ़कर 17,569 पर पहुंच गया।
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