मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
सब्जियों का आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। यहां तक कि अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला जाता है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर खरीदा जाएगा।
चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि धान के ए ग्रेड किस्म का एमएसपी 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। 18 दिन में 10500 करोड़ रुपये की खरीद की गई
एफसीआई ने अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 10 अक्टूबर तक 3.22 लाख किसानों से 37.92 लाख टन धान की खरीद की है, जिसकी कुल एमएसपी 7,159.39 करोड़ रुपये से अधिक है
कृषि सचिव ने कहा कि एमएसपी पर खरीद पहले भी की जा रही थी, अब भी की जा रही है और इसे भविष्य में भी किया जाएगा। किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
सरकार किसानों से खरीफ 2020-21 फसलों की खरीद पर मौजूदा योजनाओं के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रखेगी। तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा के लिए केएमएस 2020-21 के लिए 14.09 एलएमटी दालों और तिलहन की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है।
सरकार ने चालू खरीफ सीजन में पंजाब से 113 लाख टन धान और हरियाणा से 44 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है।
केयर रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2020-21 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों के पहले अग्रिम अनुमान में 14.452 करोड़ टन खाद्न्नय उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया है
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य (MSP) घोषित किया हुआ था।
मोदी सरकार ने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए विभिन्न फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है।
खाद्य तेल का उत्पादन बढ़ाकर आयत कम करने की भी योजना
कृषि लागत और मूल्य आयोग ने फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसे सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है और धान, कपास, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और रागी का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 325 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने को अपनी अनुमति दे दी है।
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामले के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कहा कि सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए सुरक्षित व सुदृढ़ तंत्र की जरूरत है।
मानसून की प्रगति में शिथिलता के कारण देश में खरीफ फसलों की बुवाई की रफ्तार भी धीमी है।
फसल वर्ष 2019-20 के लिए तुअर, मूंग और उड़द दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य भी क्रमश: 215 रुपए, 75 रुपए और 100 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाए गए हैं।
2017-18 के दौरान देश में 17.635 करोड़ टन दूध का उत्पादन किया गया।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक आयात शुल्क को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है
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