केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने अप्रैल में शुरू हुए मौजूदा विपणन वर्ष में अब तक रिकॉर्ड 418.47 लाख टन गेहूं खरीदा है जिसपर 82,648 करोड़ रुपए खर्च हुये हैं।
खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मंजूरी दे दी है।
गेहूं की खरीद 27 मई तक 400.45 लाख टन की हो चुकी है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 353.09 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि उसने अप्रैल में शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में रिकॉर्ड 400.45 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जिसकी लागत 79,088 करोड़ रुपये आई है।
हरियाणा में भी, एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है। अब तक 4,668 करोड़ रुपये हरियाणा के किसानों के खातों में डाले जा चुके हैं।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार का कहना है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद में किसानों की जमीन का रिकॉर्ड दाखिल करने और ऑनलाइन भुगतान होने से पारदर्शिता आएगी और असली किसानों को फायदा मिलेगा। लेकिन पंजाब सरकार आगामी रबी सीजन में जमीन के रिकॉर्ड दाखिल करने की अनिवार्यता लागू करने को तैयार नहीं है।
अधिकारी बताते हैं कि इससे असली किसानों की पहचान आसान होने के साथ-साथ MSP पर खरीद की व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। केंद्र सरकार में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि MSP पर खरीद के लिए किसानों की बायोमेट्रिक पहचान उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और राजस्थान में शुरू की गई है।
चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में देश के एक करोड़ से ज्यादा किसानों से सरकारी एजेंसियां अब तक 683 लाख टन से ज्यादा धान की खरीद कर चुकी हैं
सीजन 2020-21 के दौरान आठ मार्च 2021 तक किसानों से 673.53 लाख टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। ये बीते साल के मुकाबले 14 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं इसमें से पंजाब से खरीदे गए धान की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है।
मध्य प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि जिन किसान भाइयों ने समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिए अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वह आज ही पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य का लाभ सुनिश्चित करें।
नये कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान यूनियन एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार एमएसपी पर फसलों की खरीद की मौजूदा व्यवस्था जारी रखने का आश्वासन देने को तैयार है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि देश में चल रही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था पूरी तरह से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) नियमों के अनुरूप है।
तोमर ने लोकसभा में बताया कि सरकार किसान संगठनों के साथ अभी भी बातचीत जारी रखे हुए है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की ट्वीट पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि उनके सामने गलत तथ्य रखे गए हैं। पवार ने कहा था कि नए कानून से एमएसपी और मंडियां खत्म होंगी
केंद्र ने 25 जनवरी तक 583.31 लाख टन धान की खरीद की है, जो एक साल पहले की अवधि में 483.92 लाख टन की खरीद के मुकाबले 20.53 प्रतिशत अधिक है। धान की अब तक 583.31 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब का योगदान 202.77 लाख टन है।
सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मार्केटिंग सीजन में अब तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की धान खरीदी जा चुकी है और इससे करीब 77 लाख किसानों को फायदा मिला है। धान की खरीद में पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है।
मंत्रालय के मुताबिक खरीफ सीजन में अब तक 98 हजार करोड़ रुपये ज्यादा की खरीद हो चुकी है, जिससे 67.89 लाख किसानों को फायदा मिला है। वहीं कुल 521 लाख टन धान की खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 202.77 लाख टन रही है।
अनाज खरीद की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को देखा जाए तो कुल गेहूं उत्पादन का केवल 25 से 35 प्रतिशत की ही खरीदी होती रही है।
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