एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की गई है।
यह योजना जमाखोरी और सट्टेबाजों को हतोत्साहित करने में मदद करेगी। जब भी बाजार में कीमतें एमएसपी से अधिक होंगी, तो बाजार मूल्य पर दालों की खरीद उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा की जाएगी।
सचिव ने कहा कि वर्तमान सरकारी आंकड़े कृषि भूमि के टुकड़ों और राज्यों द्वारा प्रदान किए गए फसल के विवरण तक सीमित हैं, लेकिन इसमें व्यक्तिगत किसान-वार जानकारी का अभाव है। नई रजिस्ट्री का उद्देश्य इस अंतर को पाटना है।
चंद ने कहा कि अगर व्यापारियों को बिना मांग और आपूर्ति के समर्थन वाली कीमत पर गेहूं या चावल खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, तो खरीदारी नहीं होगी। चंद ने कहा कि जब सरकार किसी चीज (गेहूं या चावल) को फिर से उस कीमत पर खरीदती है जो मांग और आपूर्ति पर आधारित नहीं है, तो इसका आर्थिक प्रभाव होता है।
सूत्रों के मुताबिक, अगर किसान ज्यादा पानी की खपत करने वाली धान की फसल से हटने का विकल्प चुनते हैं तो सरकार बिना किसी मात्रात्मक प्रतिबंध के एमएसपी पर दाल, मक्का और कपास की खरीद पर विचार कर सकती है।
Farmers' protest : सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को गन्ना खरीद की कीमत में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने को मंजूरी दी है।
यह बढ़ोतरी मोदी सरकार के अबतक के टेन्योर में सबसे ज्यादा है। मार्केटिंग ईयर 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपये प्रति क्विंटल है।
MSP Rate Rice: किसानों के लिए केंद्र सरकार ने शानदार तोहफा दिया है। धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। आइए इस बार किन फसल की कीमतों में बदलाव किया गया है जानते हैं।
सरसो का MSP 400 रुपये से बढ़कर 5450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। वहीं, कुसुम का MSP 209 रुपये से बढ़कर 5650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
MSP Rate: पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु में चल रहे खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में कुल 1,16,761 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,356.30 करोड़ रुपये से लाभ हुआ है।
कृषि मंत्रालय से जारी एक बयान में यह कहा गया कि इस साल किसानों ने अधिक दर पर निजी व्यापारियों को गेंहू की बिक्री कर लगभग 5,994 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है।
महंगाई के बीच किसानों को राहत देते हुए सरकार ने 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला किया है। तिल की एमएसपी में 523 रुपये और तुअर दाल में 300 रुपये की बढ़ोत्तरी
समिति में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, किसानों के प्रतिनिधियों के साथ साथ कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री भी शामिल होंगे।
पिछले साल के लिये धान खऱीद से 1.31 करोड़ किसानों को फायदा मिला और एमएसपी मूल्य पर कुल 1.68 लाख करोड़ रुपये की धान की खरीद की गयी।
पांडे ने कहा, ‘‘हम नुकसान को कम-से-कम करने के लिये मंडियों को आधुनिक रूप देने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भंडारण के दौरान नुकसान कम होकर 0.003 प्रतिशत पर आ गया है
किसानों के लिए जमीन का मालिक होना या न होना जरूरी नहीं है। अगर किसानों ने किसी भी जमीन पर खेती की है, तो उसे खरीद लिया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार सरसों के समर्थन मूल्य में 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है
मौजूदा रबी विपणन सत्र के दौरान 49.20 लाख किसानों को खरीदा का लाभ मिला है। इस दौरान किसानों को 85,603.57 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया।
85,483.25 करोड़ रुपये की एमएसपी के साथ चालू रबी विपणन वर्ष की खरीद से लगभग 49.07 लाख किसानों को लाभ मिला है।
ओडिशा सरकार ने धान के लिये घोषित 1,940 रुपये क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर असंतोष जताया
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