एमएसएमई मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत पिछले 100 दिनों में कई मंजूरियां दी गई हैं। इसके तहत 3,148 करोड़ रुपये के ऋण वितरण के साथ 26,426 नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए हैं।
वर्ष 2018 से अब तक एमएमयूवाई के तहत 34,441 लाभार्थियों को कुल 2,697 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। बीएलयूवाई के तहत अब तक 40,099 लाभार्थियों को पहली किस्त के 200 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
पीएलआई का लाभ प्राप्त कर चुकी कंपनियों की ओर से दिसंबर 2023 तक 1.07 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जा चुके हैं। इनसे 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की ब्रिकी हुई है और 7 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
यह मार्ट भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को खाड़ी, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरेशिया क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच बनाने का एक प्रभावी प्लेटफॉर्म उपल्बध कराएगा।
एमएसएमई मंत्रालय के पोर्टल पर रोजना करीब 30 हजार नए एंटरप्रेन्योर अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।
World MSME Day 2023: आज के समय में केंद्र सरकार MSME सेक्टर के छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास कर रही है। बिना गारंटी के लोन देने से लेकर आसान इकोसिस्टम मुहैया कराने तक का काम सरकार के नेतृत्व में किया जा रहा है।
Good News For MSME Sector: भारत में अगर अधिक से अधिक रोजगार पैदा करनी है तो सबसे पहले सरकार को MSME सेक्टर को मजबूत करना होगा। सरकार अब इस बात को अच्छे से समझ चुकी है। उसे सरकार के तरफ से एक बूस्टर डोज दिया गया है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
आम बजट- 2023 को सरकार ने संसद में पेश कर दिया है, जहां वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी सेक्टर को ध्यान में रखकर इस बजट को संसद में पेश किया है। वहीं MSME सेक्टर को सरकार ने बड़ा समर्थन दिया है।
कोविड काल में एमएसएमई कंपनियों की बिगड़ती हालत को देखते हुए आपात ऋण-सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) शुरू की गई थी।
यह घोषणा 'ग्रो योर बिजनेस समिट' के उद्घाटन संस्करण में की गयी जो भारत के लघु और मझोले कारोबार (एसएमबी) के वृद्धि के एजेंडे पर केंद्रित एक कार्यक्रम है।
पीएचडीसीसीआई ने उन क्षेत्रों का खाका तैयार करते हुए पांच सुझाव दिए, जिनपर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के दूसरे कार्यकाल के दौरान ध्यान दिया जाना चाहिए।
एमएसएमई मंत्रालय ने कहा, योजना के हितधारकों से मिले अनुरोधों के आधार पर सरकार ने इसे 30 सितंबर 2021 से आगे छह महीने के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है।
योजना के अंतर्गत कर्ज के वितरण की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 30 जून, 2022 कर दी गयी है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक विभिन्न उद्योग मंडल और संबंधित पक्ष राहत सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
एमएसएमई मद के तहत थोक व्यापारी और खुदरा ऋणों को शामिल करने के बाद मार्च 2021 तिमाही में बैंक का एमएसएमई ऋण खाता मामूली रूप से बढ़कर 2,01,833 करोड़ रुपये हो गया, जो दिसंबर 2020 में 2,01,758 करोड़ रुपये था
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) में गैर-निïष्पादित परिसंपत्ति यानी फंसा मार्च तिमाही में बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गया।
सरकार के इस फैसले से 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एमएसएमई (MSME) को देश के इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एमएसएमई संगठन के मुताबिक बढ़ती कीमतों की वजह से कई छोटे उद्योग बंदी की कगार पर पहुंच गये हैं, इसलिये सरकार को उनकी राहत के जल्द कदम उठाना बेहद जरूरी है।
नई व्यवस्था के तहत एमएसएमई के पंजीकरण के लिए अब केवल पैन (स्थायी खाता संख्या) और आधार देने की जरूरत होगी।
एफआईएसएमई ने मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकारों को ‘लॉकडाउन’ के दौरान एमएसएमई को घरों तक सामान की आपूर्ति करने की अनुमति देने का सुझाव दिया।
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