रेपो रेट में कटौती के बाद अब गेंद बैंकों के पाले में चली गई है, इस फैसले से बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी और बैंक इसका लाभ ब्याज दरों में कटौती करके ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने गुरुवार को यूपीआई का दूसरा संस्कण (2.0) पेश किया। यह ग्राहकों को व्यापारियों को भुगतान के लिए ओवरड्रापफ्ट सीमा के उपयोग की अनुमति देगा।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने फिक्स डिपॉजिट की दरों में बदलाव किया है, बैंक ने अधिकतर लंबी अवधि की जमा योजनाओं पर ब्याज दर बढ़ाई है और छोटी अवधि की जमा योजनाओं पर दर घटाई है
RBI ने जून में हुई पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था।
आने वाले दिनों में कर्ज महंगा होगा या सस्ता, या फिर बैंकों में FD पर ज्यादा ब्याज मिलेगा? इस तरह की तमाम ब्याज दरों को निर्धारित करने वाली मुख्य पॉलिसी दरों पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का आज फैसला आने वाला है। RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 3 दिन चलने वाली बैठक का आज तीसरा दिन है और बैठक में क्या फैसला हुआ है इसको लेकर दोपहर बाद RBI जानकारी देगा
सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी मजबूती के साथ खुले लेकिन अब उनमें गिरावट है, सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 35555.59 का ऊपरी स्तर छुआ था लेकिन अब यह 118 प्वाइंट की गिरावट के साथ 35109 पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी की बात करें तो उसने भी 10770.30 का ऊपरी स्तर छुआ है, लेकिन अब 41.55 प्वाइंट घटकर 10654.65 पर कारोबार कर रहा है
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की दो दिवसीय बैठक एक दिन पहले 4 जून से शुरू होगी और "कुछ प्रशासनिक जरुरतों" की वजह से इसकी अवधि को दो से बढ़ाकर तीन दिन किया गया है। पहली बार एमपीसी की बैठक, दो दिन के बजाए तीन दिन होगी।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि सरकार को रिजर्व बैंक (RBI) की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति ( MPC ) का ब्याज दर बढ़ाने को लेकर कोई झुकाव नजर नहीं आता और इस संबंध में कोई भी निर्णय ठोस आंकड़ों से निर्देशित होना चाहिए।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स की 30 में से सभी 30 कंपनियों और निफ्टी की भी 50 में से सभी 50 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी जा रही है, सेंसेक्स और निफ्टी पर कोई भी कंपनी ऐसी नहीं है जिसमें गिरावट है
RBI ने पिछली तीन बैठकों में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखी है। पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिन की बैठक मंगलवार को मुंबई में शुरू हुई। हालांकि, माना जा रहा है कि गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली समिति नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगी।
रेपो रेट को 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी और बैंक रेट 6.25 फीसदी पर कायम रहेगी।
निफ्टी पर आज सबसे ज्यादा तेजी भारतीय स्टेट बैंक के शेयर में ही आई है। इसके अलावा यस बैंक, इंडसइंड बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में भी तेजी आई है।
देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों पर किए जाने वाले फैसले पर रहेगी।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स की वजह से अर्थव्यवस्था पर अबतक जो असर दिखा है वह खराब सा लग रहा है, यह कहना है भारतीय रिजर्व बैंक यानि RBI का
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि चुप्पी और गोपनीयता की शर्त समिति में बैंक की ओर से रखे गए MPC के तीन अन्य सदस्यों पर भी लागू होगी। इसमें गवर्नर भी शामिल हैं।
RBI बुधवार ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन उसके महंगाई के अनुमान में कटौती करने का ऐलान कर सकता है। ऐसे में महंगाई घटने से ब्याज दरें कम हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह पर मध्यप्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष को मौजूदा अप्रैल-मार्च से बदलकर जनवरी-दिसंबर करने की आज घोषणा की है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को अपनी दो दिवसीय बैठक शुरू की। ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है।
रिजर्व बैंक (RBI) इस साल नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है और इसके फरवरी के बजाए अप्रैल में होने की संभावना अधिक है।
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