भारत के बारे में, मूडीज ने कहा कि घरेलू खपत में सुधार, मजबूत निवेश और मजबूत विनिर्माण गतिविधि के कारण 2024 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में साल-दर-साल 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में टाटा स्टील का समेकित EBITDA लगभग 290 बिलियन रुपये और वित्तीय वर्ष 2026 में 380 बिलियन रुपये होगा, जो 2023-24 में 241 बिलियन रुपये था।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को अपने एक आदेश में खनिज समृद्ध राज्यों को ये मंजूरी दी कि वे 1 अप्रैल, 2005 की तारीख से खनिज अधिकारों और खनिज-युक्त जमीन पर रॉयल्टी और टैक्स पर बकाया राशि की मांग रख सकते हैं।
धातु, खनन और इस्पात, दूरसंचार तथा वाहन कंपनियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक वृद्धि से कंपनियों को लाभ होगा। मूडीज ने कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र और रिलायंस इंडस्ट्रीज मिलकर एक-दो साल में सामूहिक रूप से भारतीय कंपनियों के कुल व्यय का 60 प्रतिशत से अधिक खर्च करेंगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पानी की कमी बढ़ती जा रही है, क्योंकि तेज आर्थिक वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के कारण लगातार बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के बीच पानी की खपत बढ़ रही है।
आरबीआई ने पिछले सप्ताह बैंकों और एनबीएफसी के लिए असुरक्षित माने जाने वाले पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे लोन से जुड़े नियम को सख्त कर दिया। संशोधित मानदंड में जोखिम भार में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई।
आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8 प्रतिशत रही है। यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे ऊंची वृद्धि दर है।
Moody's Rating: मूडीज ने भारत की रेटिंग को बरकरार रखा है। लेकिन दो बातों को लेकर आगाह किया है। अगर सरकार इसपर काम करती है तो आगे बेहतर रिजल्ट देखने को मिल सकते हैं।
सरकार का राजकोषीय घाटा 2022-23 में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत रह गया, जो 2021-22 में 6.7 प्रतिशत था। सरकार के खर्च और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।
Figures of India Growth: मूडीज का कहना है कि भ्रष्टाचार पर नकेल कसने, आर्थिक गतिविधियों को संगठित करने और कर संग्रह एवं प्रशासन को बेहतर करने के सरकारी प्रयास उत्साहजनक हैं।
Moody's ने स्थिर दृष्टिकोण के साथ भारत के लिए अपनी सॉवरेन रेटिंग को BAA 3 पर बरकरार रखा है।
मूडीज को उम्मीद है कि अगले 12-18 महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार जारी रहेगा और 2021-22 में अर्थव्यवस्था 9.3 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल कर लेगी
एसएंडपी ने कहा कि हमने मार्च में घोषित चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है।
वायरस की वापसी से 2021 में भारत के वृद्धि पूर्वानुमानों को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है, हालांकि यह संभावना है कि आर्थिक नुकसान अप्रैल-जून तिमाही तक ही सीमित रहेगा।
मूडीज ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का अनुमान है, जबकि इसके बाद सुधार होगा
मूडीज ने उम्मीद जताई कि संक्रमण की मौजूदा लहर से निपटने के लिए एक देशव्यापी लॉकडाउन के विपरीत छोटे-छोटे कटेंटमेंट जोन पर जोर दिया जाएगा
मूडीज ने कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर तेज होती है, तो इससे 2021 में सुधार के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
मूडीज के मुताबिक एशिया प्रशांत क्षेत्र में बैंकों का बढ़ता एनपीए और बीमा कंपनियों का उतार-चढ़ाव वाला निवेश पोर्टफोलियो चिंता का विषय है। ऐसे में अगले दो साल के दौरान उभरते एशिया में बैंकों की पूंजी घटेगी।
दूसरे दौर की राहत में सरकारी कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत यानि एलटीसी के एवज में नकद वाउचर योजना और त्योहारों के लिए विशेष अग्रिम (फेस्टिवल एडवांस) देने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा सरकार ने राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त कर्ज तथा 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजीगत खर्च करने की घोषणा की है।
अनुमानों के मुताबिक अगले वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी देखने को मिलेगी। एजेंसी के मुताबिक तीसरी तिमाही से रिकवरी शुरू होगी और 2021-22 में अर्थव्यवस्था में बेस इफेक्ट की वजह से तेज बढ़त देखने को मिल सकती है।
लेटेस्ट न्यूज़