आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8 प्रतिशत रही है। यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे ऊंची वृद्धि दर है।
Moody's Rating: मूडीज ने भारत की रेटिंग को बरकरार रखा है। लेकिन दो बातों को लेकर आगाह किया है। अगर सरकार इसपर काम करती है तो आगे बेहतर रिजल्ट देखने को मिल सकते हैं।
Figures of India Growth: मूडीज का कहना है कि भ्रष्टाचार पर नकेल कसने, आर्थिक गतिविधियों को संगठित करने और कर संग्रह एवं प्रशासन को बेहतर करने के सरकारी प्रयास उत्साहजनक हैं।
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
अगले वर्ष भारत धीमी वृद्धि की दिशा में बढ़ रहा है जो इसकी दीर्घकालिक संभावना के अनुरूप है। सकारात्मक पक्ष को देखें तो निवेश का प्रवाह और प्रौद्योगिकी तथा कृषि में उत्पादन लाभ से वृद्धि को गति मिलेगी।
मूडीज के अनुसार, भारत समेत 13 देशों को अगले साल अपने सरकारी राजस्व का 20 प्रतिशत से अधिक कर्ज की अदायगी के लिये खर्च करना होगा।
मूडीज ने कहा कि PMI, क्षमता उपयोग, मोबिलिटी, कर फाइलिंग और संग्रह, व्यवसायों की आय और ऋण संकेतकों जैसे सर्वे के आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि सेवा और विनिर्माण के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं।
भारत के लिए आज अच्छी खबर आई है। यह खबर भारती की अर्थव्यवस्था को लेकर है। कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक प्रभाव देखे गए थे लेकिन हालात के बेहतर होने के कारण अभी स्थिती पहले से ठीक हुई है।
मूडीज ने इस बात का विशेष उल्लेख किया है कि रेडिंग घटाना पूरी तरह से कोविड-19 प्रकोप के विनाशकारी प्रभाव से प्रेरित नहीं था, इसके पीछे और भी कई कारक थे।
वर्ष 2019 में वृद्धि 5 प्रतिशत रहने का आकलन है। मूडीज ने कहा है कि अनुमानित वृद्धि दर के हिसाब से भारत में 2020 में आय में तेज गिरावट हो सकती है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मोदी सरकार को आगाह किया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में किसी तरह की कटौती करने पर यदि सरकारी खर्च में उतनी ही कटौती न की गई तो राजकोषीय घाटा बुरी तरह प्रभावित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मलेशिया की यात्रा पर हैं और बुधवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुरी खबर सुना दी है। मूडीज ने कहा है कि उसने चालू वर्ष 2018 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटा दिया है।
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