मई 2024 में देश के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मात्रात्मक रूप से, पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून मौसमी वर्षा ±4 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 106 प्रतिशत होने की संभावना है।
धान की बुवाई का क्षेत्र पिछले साल के बराबर ही है, जबकि गन्ने की बुवाई बेहतर है। गैर-खाद्य फसलों में कपास की बुवाई काफी अधिक है। कुल बुवाई क्षेत्र सामान्य बुवाई क्षेत्र का 22 प्रतिशत है, जबकि 2023 में यह 18.6 प्रतिशत था।
विंडशील्ड के कुछ हिस्सों पर पानी की धारियां रह जाती हैं, साथ ही घिसने की आवाज़ भी आती है, कभी-कभी खरोंच भी लग जाती है।
बारिश कभी अकेली नहीं आती, यह हमेशा गीली सड़कें, कीचड़ भरे पैच और लगातार ट्रैफ़िक जाम लेकर आती है। ऐसी स्थिति में आपकी कार में कोई परेशानी न आए, रास्ते में आप परेशान न हो जाएं, इसके लिए कई बातों का ध्यान रखना होता है।
बारिश के मौसम में बिक्री बढ़ाने के लिए बिल्डर कई तरह की डील की पेशकश करते हैं। इसमें कैश डिस्काउंट से लेकर सामान और डेकोरेशन शामिल होता है।
भारत में अभी तक बारिश सामान्य से 53 प्रतिशत कम हुई है। केरल जहां से देश में मानसून प्रवेश करता है, वहां पर भी सामान्य से काफी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
देश के कुछ हिस्सों में Monsoon की बारिश में देरी के कारण चालू खरीफ सत्र में अब तक धान की बुवाई (Paddy Sowing) का रकबा 24 फीसदी घटकर 72.24 लाख हेक्टेयर रह गया है।
स्काईमेट अप्रैल महीने में मॉनसून 2022 की संभावनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा। स्काईमेट संपूर्ण मॉनसून पूर्वानुमान के लिए प्रासंगिक आंकड़े एकत्रित करने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।
देश में कुछ जगह टमाटर की खुदरा कीमतें तीन गुना से ज्यादा बढ़ गयी हैं। वहीं प्याज की कीमत भी दोगुना हो गई हैं। जानकारों की माने तों बारिश से फसलों पर असर पड़ा है जिससे कीमतें बढ़ी हैं
सरकार के मुताबिक कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और बारिश की वजह से देश की कोयला खदानों में कामकाज पर असर से बिजली उत्पादन घटा है, लेकिन उम्मीद है कि यह स्थिति 3-4 दिन में ठीक हो जायेगी।
मौसम विभाग ने अनुमान दिया है कि अगस्त और सितंबर के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य के 95 प्रतिशत से 105 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अब तक धान सहित खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 499.87 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 10.43 प्रतिशत कम है।
खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर अप्रैल में 4.23 प्रतिशत से बढ़कर मई में 6.23 प्रतिशत की छह माह की ऊंचाई पर पहुंच गई। वहीं खाद्य मुद्रास्फीति इस दौरान 1.96 प्रतिशत से बढ़कर मई में 5.01 प्रतिशत पर पहुंच गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में शुरू किए गए कृषि सुधारों के साथ सरकार की ग्रामीण आय बढ़ाने की ओर ध्यान दिये जाने से कृषि आय में वृद्धि होने की संभावना है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बावजूद ग्रामीण परिवारों की आय की स्थिति सामान्य बनी हुई है।
सरकार के द्वारा संसद को दिए लिखित जवाब के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान बिहार में देखने को मिला है। इसके अलावा कर्नाटक और असम में भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।
भारतीय रिजर्व बैंक को संकटग्रस्त सहकारी बैंकों को पुनर्गठन का मौका देने वाली कुछ चीजों को जोड़ने के लिए विधेयक को वापस लिया जा रहा है, जो कि बहुत जरूरी है।
संसद का मॉनसून सत्र भी प्रारंभ हो चुुुुका है। ईंधन के दाम घटने से उपभोक्ताओं को महंगाई से थोड़ी राहत मिल सकती है।
जलभराव के बीच वाहनों के फंसने से हो चुके हैं कई बड़े हादसे
बेहतर मॉनसून की वजह से बेहतर उपज होने की उम्मीद
खरीफ फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1,015 लाख हेक्टेयर
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