MPC की तीन दिवसीय बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई थी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 फरवरी को नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
MPC की तीन दिवसीय बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई थी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 फरवरी को नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
रिजर्व बैंक की नव-गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार (7 अक्टूबर) को अपनी तीन-दिवसीय बैठक की शुरुआत की। समिति के बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को होगी।
आरबीआई ने सोमवार (28 सितंबर) को कहा कि उसने इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक को टालने का फैसला किया है और नई तारीखों की घोषणा शीघ्र की जाएगी।
RBI Governor shaktikanta das announced monetary policy decision, know everything
समिति छह अगस्त को बैठक के नतीजों की घोषणा करेगी
सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंकर ने कहा कि इस समय प्रणाली में पर्याप्त नकदी है और दरों में कटौती को आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में दरों में और कटौती से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा है कि आरबीआई अकेले मुद्रास्फीति को नियंत्रित नहीं कर सकता क्योंकि आपूर्ति मामलों को सरकार द्वारा प्रबंधित करने की जरूरत है।
पॉलिसी समीक्षा में रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को लेकर कई अनुमान जारी किए हैं।
दास ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार पांच फरवरी तक सालाना आधार पर 58 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 471.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है और इसे 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के नव नियुक्त डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा मौद्रिक नीति विभाग का काम देखेंगे। इस विभाग में पूर्वानुमान एवं प्रतिरुपण एकक भी आता है।
अगले हफ्ते से प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो से नीचे आने की उम्मीद है। वर्तमान में यहां प्याज का खुदरा भाव 150 रुपए प्रति किलो तक चल रहा है।
मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक मंगलवार को शुरू हुई।
वित्तीय साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अपने अनुमान को काफी कम कर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए नीतिगत दर में लगातार छठवीं बार कटौती कर सकता है।
लगभग सभी क्षेत्रों में सुस्ती का रुख जारी रहने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा।
कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर दी। इस कटौती के बाद रेपो दर 5.15 प्रतिशत रह गई।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन चली बैठक के तीसरे दिन शुक्रवार को बैंक ने रेपो दर को 5.40 प्रतिशत से घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया
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