RBI MPC की मीटिंग में रेपो रेट को लगातार 9वीं बार स्थिर रखने का फैसला किया गया है। बताते चलें कि पिछले 18 महीनों से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
आरबीआई एमपीसी की यह मीटिंग 5 से 7 जून तक चली है। यह घटनाक्रम भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 में अकेले पूर्ण बहुमत से चूकने के बाद पहली बार हो रहा है। भाजपा को अब बाकी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर एनडीए गठबंधन सरकार बनानी पड़ रही है।
लोकसभा नतीजों के बाद यह एमपीसी की पहली मीटिंग (5-7 जून) हुई है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आरबीआई एमपीसी अपनी प्रमुख रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखेगा। MPC का व्यापक ध्यान मुद्रास्फीति के स्तर को कम करने पर रहेगा।
मौद्रिक समित के गठन के बाद यह पहली बार है जब आरबीआई ने इस तरह की विशेष बैठक बुलाई है। साल 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के लिए एमपीसी का गठन किया गया था।
रिजर्व बैंक की नव-गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार (7 अक्टूबर) को अपनी तीन-दिवसीय बैठक की शुरुआत की। समिति के बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को होगी।
आरबीआई ने सोमवार (28 सितंबर) को कहा कि उसने इस सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक को टालने का फैसला किया है और नई तारीखों की घोषणा शीघ्र की जाएगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंकर ने कहा कि इस समय प्रणाली में पर्याप्त नकदी है और दरों में कटौती को आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में दरों में और कटौती से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा है कि आरबीआई अकेले मुद्रास्फीति को नियंत्रित नहीं कर सकता क्योंकि आपूर्ति मामलों को सरकार द्वारा प्रबंधित करने की जरूरत है।
दास ने बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार पांच फरवरी तक सालाना आधार पर 58 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 471.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है और इसे 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक मंगलवार को शुरू हुई।
वित्तीय साख निर्धारित करने वाली एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अपने अनुमान को काफी कम कर 5.1 प्रतिशत कर दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए नीतिगत दर में लगातार छठवीं बार कटौती कर सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा।
कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर दी। इस कटौती के बाद रेपो दर 5.15 प्रतिशत रह गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी (25 आधार अंक) की कटौती की है। त्योहारी सीजन में आम लोगों को आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती करके बड़ी राहत दी है। नीतिगत दर में आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार कमी की है।
RBI ने दिया दिवाली का तोहफा, रेपो रेट में की 25 आधार अंकों की और कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के नतीजों की घोषणा से पहले शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई और सेंसेक्स करीब 300 अंकों की बढ़त के साथ खुला। निफ्टी ने भी 74 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की।
अर्थव्यवस्था की सुस्सी दूर करने के लिए मोदी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा के नतीजों की घोषणा आज सुबह 11.45 बजे करेगा।
त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में बाजार में मांग बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक भी शुक्रवार (4 अक्टूबर, 2019) को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में बड़ा ऐलान कर सकती है यानी आपको त्योहारी गिफ्ट मिलने की पूरी उम्मीद है।
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