केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मौद्रिक नीति समिति के बाहरी सदस्य तत्काल प्रभाव से या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, चार साल की अवधि के लिए पद पर बने रहेंगे।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली PMC की बैठक 28 से 30 सितंबर तक होगी। ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का खुलासा इस तीन दिन की इस बैठक के आखिरी दिन होगा
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नतीजों के बारे में बुधवार को जानकारी देगी, लेकिन उससे पहले ही तीन बैंकों ने मंगलवार से ब्याज दरें बढ़ा दी हैं।
अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा आगामी बुधवार को होगी। इससे पहले सोमवार से एमपीसी में तीन दिन तक विचार-विमर्श चलेगा।
बार्कलेज ने रिपोर्ट में कहा कि केंद्रीय बैंक अपने नकदी प्रबंधन उपायों के मद्देनजर रिवर्स रेपो दर में 0.20-0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन चली बैठक के तीसरे दिन शुक्रवार को बैंक ने रेपो दर को 5.40 प्रतिशत से घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया
रिजर्व बैंक की नीतिगत दर (रेपो) अभी 6.50 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त 2018 को रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ा कर 6.50 प्रतिशत की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई बढ़ने की चिंता के बीच आज मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया है, जिससे बैंक कर्ज महंगा हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कुछ महीनों के दौरान कच्चे तेल के दाम बढ़ने से महंगाई को लेकर चिंता बढ़ी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जून में होने वाली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों को यथावत रखते हुए उसमें कोई भी बदलाव नहीं करेगा। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है।
बोफा-एमएल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकते हैं।
भारत ने ब्रेक्जिट की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता से निपटने के लिए दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मिली-जुली मौद्रिक नीतियों को अपनाने की जरूरत बताई है।
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