रिजर्व बैंक ने लगातार छह बढ़ोतरी के बाद अप्रैल महीने में रेपो रेट में बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है। इससे होम और कार लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिली।
आज शाम साढ़े दह बजे प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होने वाली है। यह मार्च का महीना चल भी रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है।
Right To Repair: नए वर्ष के आगाज के पहले ही मोदी सरकार ने देश भर के उपभोक्ताओं को बड़ा तोहफा दिया है। इससे हर किसी व्यक्ति को फायदा होगा। अब उत्पादक कंपनियां आपके साथ ठगी नहीं कर पाएंगी।
खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि ‘सट्टेबाजी’ के कारण गेहूं की कीमतों में तेजी आई है।
मोदी सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है।
आरबीआई की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने विकास कार्यों के लिए 90,89,233 करोड़ खर्च किये है।
2016 से पहले लॉन्च हुए आवासीय प्रोजेक्ट के समाधान योजना पर काम कर रही है मोदी सरकार
केंद्र सरकार ने पेंशन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले के बाद बहुत सारे परिवार को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने उस राशि के मामले में स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें अपने माता या पिता की मृत्यु हो जाने पर कोई बच्चा फैमिली पेंशन की दो किस्तें निकालने का हकदार होता है।
वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी HSBC का कहना है कि जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.7% रहने में मुख्य रूप से ‘ सरकार का हाथ ’ है। इसके अनुसार आलोच्य तिमाही में निर्यात व निजी खपत के मोर्चों पर प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। यह सात तिमाहियों का उच्चस्तर है।
6 महीने में पैदा हुए रोजगार के आंकड़ों को देखें तो सरकार को बड़ी राहत मिलेगी। कर्मचारी भविष्य निधी संगठन (EPFO) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 से फरवरी 2018 के दौरान देश में गैर कृषि क्षेत्र में 31.1 लाख लोगों ने EPF के लिए आवेदन किया है
दो निरंतर सप्ताह तक तेजी के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 मार्च को समाप्त सप्ताह में 15.24 करोड़ डॉलर घटकर 421.33 अरब डॉलर रह गया जिसका मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी आना है।
आर्थिक मोर्चे पर सरकार को आज बड़ी राहत मिली है। फरवरी महीने में महंगाई की दर में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं देश में औद्योगिक उत्पादन भी तेजी से बढ़ा है। जो कि देश की अर्थव्यवस्था और विकास दर के लिए अच्छे संकेत हैं।
नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से पैदा हुई अड़चनें अब धीरे-धीरे दूर हो रही हैं।
लेटेस्ट न्यूज़