मल्टीनेशनल कंपनियों को अपनी ग्लोबल उपस्थिति, मजबूत ब्रांड और रिसर्च एंड डेवलपमेंट क्षमताओं के साथ, अक्सर घरेलू कंपनियों पर कुछ बढ़त का लाभ मिलता है।
पिछले कुछ सालों में भारत से कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपना कारोबार बंद कर दिया है। इसके पीछे सरकार की ये दो योजनाएं हैं। दोनों का भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ा है, आइए जानते हैं।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को सुबह से ही राष्ट्रीय राजधानी जाने वाली ज्यादातर सड़कों पर अवरोध खड़े कर जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। इससे नोएडा और गुड़गांव से आने जाने वाली सड़कों पर भारी जाम लग गया।
यह फंड ओपेन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो एमएनसी थीम का पालन करती है और इसका उद्देश्य भारतीय और वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियां जो भारतीय बाजार में सूचीबद्ध हैं, से लाभ कमाना है।
इससे अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारतीय अनुषंगी इकाइयों द्वारा सीबीसी रिपोर्ट स्थानीय स्तर पर जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
KVIC प्रोडक्ट की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि, देश में खादी और विलेज प्रोडक्ट की बिक्री 50,000 करोड़ रुपए को पार कर गई है।
देश में रोजमर्रा के उपयोग के उपभोक्ता सामान (FMCG) बनाने वाली सात प्रमुख घरेलू कंपनियों की आय 2015-16 में विदेशी कंपनियों ने बेहतर रही है।
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