भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने फरवरी महीने में भ्रामक विज्ञापनों से जुड़ी 193 शिकायतों को सही ठहराया। जिन कंपनियों के खिलाफ शिकायतों को परिषद ने सही माना उनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), हिमालय ड्रग कंपनी, ओला और वोडाफोन भी शामिल है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नए उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने कहा कि इस विधेयक का मकसद उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण के लिए प्राधिकरण का गठन करना है। साथ ही इसमें भ्रामक विज्ञापनों से निपटने का भी प्रावधान होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उपभोक्ता सरंक्षण सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है और उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए सरकार एक नया कानून बना रही है।
अगर सेलिब्रिटी यानि किसी वस्तु के बारे में विज्ञापन के जरिए दोबारा भ्रामक जानकारी देता है तो 50 लाख रुपए के जुर्माने के साथ 5 साल की जेल की सिफारिश की गई है
भ्रामक विज्ञापन के मामलों में सिलेब्रिटी और मिलावट में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर सरकार अन्य देशों के कानूनों का अध्ययन करेगी।
भ्रामक विज्ञापन को करने वाले सेलिब्रिटी पर जवाबदेही तय करने संबंधी एक नए मसौदा विधेयक पर आज विचार किया जाएगा। दोषी पाय जाने पर पांच की जेल हो सकती है।
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