श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों, खासकर असंगठित क्षेत्र के काम करने वाले मजदूरों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) को संशोधित करके न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
केंद्रीय क्षेत्र में अनुसूचित रोजगार के लिए जो दर तय की गई है, वह केंद्र सरकार, रेलवे प्रशासन, खदान, तेल क्षेत्र, प्रमुख बंदरगाह या केंद्र सरकार द्ववारा गठित किसी भी कॉरपोरेशन में कार्यरत श्रमिकों पर लागू होगी।
प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने वादा किया है कि वह औसत प्रति घंटा वेतन कम से कम 1000 येन करना चाहते हैं और इसे लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए ही यह प्रस्ताव सामने आया है।
इस तरह कि खबरें आई थीं कि इस मुद्दे पर तीन साल के कार्यकाल वाले विशेषज्ञ समूह के गठन का मकसद न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन तय करने में विलंब करना है।
विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अलग-अलग है। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी का तात्पर्य ऐसे वेतन से है, जो पूरे देश में सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होता है।
यह समिति मजदूरी दरों को तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को देखेगा और मजदूरी निर्धारण के लिए एक वैज्ञानिक मानदंड विकसित करेगा।
राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि जब आप न्यूनतम मजदूरी बढ़ाते हैं, तो कुछ व्यवसाय बंद हो जाते हैं।
केंद्र सरकार ने 24 अगस्त तक वेतन के लिए प्रस्तावित कानून पर सुझाव और आपत्तियां मांगे
कर्मचारियों को अप्रैल से सितंबर अवधि के लिए बढ़े महंगाई भत्ते का बकाया भी मिलेगा। इसके अलावा उन्हें एक महीने की मजदूरी के बराबर दिवाली बोनस भी दिया जाएगा।
सरकार ने वेतन संहिता 2019 को अधिसूचित कर दिया है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर 50 करोड़ श्रमिकों को अनिवार्य रूप से न्यूनतम वेतन मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राष्ट्रपति ने आठ अगस्त को इसे मंजूरी दे दी थी। इसके बाद सरकार ने इस संहिता को अधिसूचित कर दिया।
श्रम सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाते हुए श्रम मंत्रालय अगले सप्ताह वेतन संहिता विधेयक के मसौदे को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रख सकता है।
दुनिया की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने कार्य परिस्थितियों और वेतन के लिए बढ़ती सरकारी जांच के बीच मंगलवार को अमेरिका में अपने सभी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने की घोषणा की है।
कैबिनेट ने नई वेतन संहिता विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे श्रम क्षेत्र से जुड़े 4 कानूनों को एकीकृत कर सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित हो सकेगा।
यूनीवर्सल मिनिमम वेज जल्द ही हकीकत बनेगा, इसमें वह कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें मासिक 18,000 रुपए से अधिक का वेतन मिलता है।
असम पेट्रोलियम मजदूर यूनियन एपीएमयू से संबद्ध तेल टैंकर कर्मियों ने सोमवार से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। न्यूनतम मजदूरी की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली में श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में 37 फीसदी वृद्धि के आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
ESIC की मंगलवार को हुई बैठक में एक बड़े फैसले लिए है। अब 21 हजार रुपए तक की मंथली सैलरी वालों को भी की हेल्थ इन्श्योरेंस स्कीम का फायदा उठा सकते है।
दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सभी श्रेणी के कामकाजी वर्ग के लिए न्यूनतम मजदूरी 30 से 40 फीसदी बढ़ाई जाएगी।
केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के लिए न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति महीना कर दिया है।
सरकार का दावा है कि भारत के कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले अकुशल और कुशल कामगारों के लिए जल्द ही अच्छे दिन आने वाले हैं।
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