बैंकों का छोटी राशि का कर्ज 9.23% बढ़कर 1,04,762 करोड़ रुपये रहा। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) का कर्ज 54.62 प्रतिशत बढ़कर 24,870 करोड़ रुपये पहुंच गया।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान सभी ऋणदाताओं का कुल कर्ज वितरण बढ़कर 66,694 करोड़ रुपये पर पहुंच गया
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने माइक्रोफाइनेंस सेक्टर से कहा कि किसी संस्थान की एक गलती दशकों में हासिल की गयी ग्रोथ को खत्म कर सकती है।
सत्या माइक्रो कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विवेक तिवारी ने आरोप लगाया है कि इस कठिन परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए कुछ गैर-सामाजिक तत्व कर्जमाफी जैसी अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
बैंकिंग प्रणाली गरीबों को पैसा उधार देने के लिए उत्सुक नहीं है, ऐसे में उनके लिए एक वैकल्पिक बैंकिंग चैनल विकसित किया जाना है।
रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के आधे से ज्यादा कारोबार ग्रीन और ऑरेंज जोन में
BSE ने ब्रोकिंग और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को अपने SME प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग की इजाजत दे दी है।
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