जुकाम या बुखार आने पर आम तौर पर भारत में इस्तेमाल होने वाली कई प्रमुख दवाएं अब आप नहीं खरीद सकेंगे
भारतीय फार्मा नियामक ने 92 दवाओं और कॉम्बिनेशंस के दाम की समीक्षा की है और इसकी कीमतें तय की हैं। इनमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कैंसर की दवाएं हैं जिसे स्थानीय कंपनियां सन फार्मा, डॉ रेड्डीज और ल्युपिन बनाती हैं।
चीन में दवा कंपनियों पर छाए संकट के बादल भारत में भी मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। पर्यावरण संबंधी चिंताओं की वजह से बहुत सी चाइनीज कंपनियों का कारोबार ठप हो चुका है, जिससे भारतीय कंपनियों को कच्चे माल की भारी कमी झेलनी पड़ रही है।
दवा मूल्य नियामक एनपीपीए ने 30 दवा फॉर्मुलेशन का खुदरा मूल्य तय किया है। इसमें डायबिटीज, जीवाणु संक्रमण तथा उच्च रक्तचाप के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं।
दवा नियामक राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आज कहा कि उसने 65 आवश्यक फॉर्मूलेशनों (दवाओं) की खुदरा कीमतों को अधिसूचित किया है।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने कहा कि गुरूग्राम स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल ने डेंगू के एक मरीज के इलाज में काम आई दवाओं व अन्य कंज्यूमेबल आइटम पर 1700 प्रतिशत तक अधिक मार्जिन वसूला।
केंद्र सरकार सरकारी तेल कंपनियों के पेट्रोल पंपों पर दवाइयां, किराना के सामान LED बल्ब और अन्य उत्पाद बेचने की अनुमति दे सकती है।
NPPA ने और 30 दवाओं (फार्मूलेशन) का अधिकतम खुदरा दाम तय किया है। इन दवाओं का इस्तेमाल हेपेटाइटिस, हृदय रोग, संक्रमण, बुखार और दर्द के इलाज के लिए होता है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter के जरिए मिलीं शिकायतों में से 99 फीसदी का समाधान किया जा चुका है।
राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण एनपीपीए का कहना है कि पिछले साल मार्च से अब तक एक वर्ष में कैंसर की दवा की कीमत में 86 प्रतिशत तक की कमी आई है।
ड्रग सर्वे में देश में बिक रहीं 1,500 से अधिक दवाओं के सैंपल की गुणवत्ता निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं पाई गई। इनमें से 13 दवाएं तो नकली पाई गई हैं।
सरकार का लक्ष्य दवा माफिया का दबदबा समाप्त करने का है। रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज कहा कि मार्च तक 3,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य है
भारत अगले साल फार्मा क्षेत्र में सुरक्षित, दक्ष और गुणवत्ता वाली दवाओं के बल पर अपनी स्थिति मजबूत करने की राह पर है। कई अड़चनों का सामना करना पड़ेगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ने गुरुवार को 344 फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर रोक लगाने की केंद्र सरकार की अधिसूचना खारिज कर दी।
सरकार ने 10 और दवाओं के दाम घटा दिए हैं, जबकि पैरासिटामोल समेत आठ नई दवाओं को पहली बार कीमत नियंत्रण के अंतर्गत लाया गया है।
सरकार ने कैंसर, एचआईवी, मलेरिया व जीवाणु संक्रमण सहित विभिन्न रोगों के इलाज में काम आने वाली 22 जरूरी दवाओं की अधिकतम कीमत तय कर दी है।
उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार ने बीते दो साल में 500 दवाओं, चिकित्सकीय उपकरणों व दूसरे चिकित्सीय उपभोज्यों के दाम कम किए हैं।
एनपीपीए ने कैंसर, मधुमेह, गठिया, बैक्टिरिया संक्रमण तथा उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के इलाज में काम आने वाली 54 दवाओं के दाम की सीमा तय कर दी है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि 300 निश्चित खुराक की दवाओं पर प्रतिबंध लगाने की जल्दबाजी क्या थी और कैसे डीसीजीआई की मंजूरी को नजरअंदाज किया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि डीजीसीआई द्वारा मंजूरशुदा किसी दवा पर प्रतिबंध कैसे लगाया जा सकता है। सरकार ने कहा हमारा फैसला सही।
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