वर्ष 1997 में स्थापित एनपीपीए औषधि उत्पादों की कीमतें निर्धारित एवं संशोधित करने के अलावा डीपीसीओ के प्रावधानों को लागू करने एवं नियंत्रित दवाओं की कीमतों पर नजर रखने का काम करता है।
केंद्र सरकार की ओर से 12 नवंबर को अधिसूचित इस संशोधित सूची के साथ, सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को इन दवाओं का एक बड़ा स्टॉक रखना आवश्यक है।
उन दवाओं को अनुमति नहीं मिलेगी जिनके इलाज या इस्तेमाल की अवधि 5 दिन से ज्यादा हो। अगर इससे मरीज को आराम नहीं मिलता है तो उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
मूल्य निर्धारण के तहत एसोसिएटेड बायोटेक, डेल्स लैबोरेटरीज की बनायी और विपणन की जाने वाली मेटफॉर्मिन के साथ टेनेलिग्लिप्टिन टैबलेट (मेटाफॉर्मिन + टेनेलिग्लिप्टिन) की कीमत 7.14 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है।
इस बार जो अहम बदलाव होने जा रहे हैं उसमें क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स से लेकर वाहन और दवाएं महंगी हो जाएंगी।
अब आपको साधारण बुखार से लेकर अन्य बीमारियों के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी।
जधानी दिल्ली के एक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र ने अपने उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए ‘एपीआई जेनेरिक फार्मेसी’ नाम से वेबसाइट शुरू की है।
ल्यूपिन लगभग 140 देशों और क्षेत्रों में दवा का व्यावसायीकरण करना चाहती है, जिसमें टीबी से सबसे ज्यादा पीड़ित देश शामिल हैं।
यह संक्रमण म्यूकोर मोल्ड के संपर्क में आने से आता है और यह साइनस, मस्तिष्क और फेफड़े को प्रभावित करता है तथा इससे जान भी जा सकती है।
कंपनी ने कहा है कि डीसीजीआई ने इस टेबलेट इवेजाज को घरेलू और विदेशी बाजारों में भेजने की अनुमति दे दी है।
एफडीए द्वारा मंजूर 8000 दवाओं की सूची में से 10 औषधीय रासयनिक अणुओं की पहचान की और उन पर अपने भागीदारों के साथ बेंगलुरु में आगे अनुसंधान शुरू किया।
भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर अंकुश लगाने के लिए सस्ता इलाज का विकल्प समय की जरूरत है।
सरकार ने मार्च 2025 तक पीएमबीजेके की संख्या 10,500 करने का लक्ष्य रखा है। जिससे गरीबों की सस्ती दवाओं तक पहुंच आसान हो। 15 सितंबर 2020 तक देशभर में 6,606 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं।
भारत दुनिया भर में सप्लाई होने वाली हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन के 70% का उत्पादन करता है।
भारत ने पिछले साल 22.5 करोड़ डॉलर मूल्य के एपीआई का निर्यात किया था। भारत हर साल 3.5 अरब डॉलर मूल्य का एपीआई आयात करता है।
योजना के तहत 900 दवाए, 150 सर्जिकल उपकरण सस्ती दरों पर उपलब्ध
भारत के साथ व्यापार संबंध तोड़ने के निर्णय से पाकिस्तान में जीवनरक्षक दवाओं तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का जोखिम पैदा हो गया है और पाकिस्तान के एक उद्योग संगठन ने इसे देखते हुए सरकार से फिलहाल आयात नियमों को आसान करने की अपील की है।
कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी तुषार कुमार ने कहा कि मायरा के अधिग्रहण से दवा डिलीवरी कारोबार एक बड़ा बदलाव लाने वाला सौदा होगा। इससे हमें दवा बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।
न दवाओं की कीमतों को संशोधित किया गया है, उसमें बुडेसोनाइड इनहेलेशन तथा जेंटामाइसिन इंजेक्शन शामिल हैं।
यदि आप भी ऑनलाइन कंपनियों से सस्ती कीमत पर दवाएं खरीदते हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऑनलाइन फार्मेसी द्वारा इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी।
लेटेस्ट न्यूज़