Medicines banned in india : रिपोर्ट में उन 49 दवाओं के बारे में बताया गया है, जो क्वालिटी टेस्ट में फेल रही हैं। इस लिस्ट में अल्केम हेल्थ साइंस, एरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स और हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स जैसी फेमस कंपनियों के कई प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
मैनकाइंड फार्मा के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव जुनेजा ने कहा कि आज, हम बीएसवी के 2,500 से अधिक सदस्यों का मैनकाइंड परिवार में गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, जो हमारी रोमांचक यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ते हैं और त्वरित विकास के लिए मंच तैयार करते हैं।
एनपीपीए को ये दवाएं बनाने वाली कंपनियों से कीमतों में बढ़ोतरी की मांग वाले आवेदन मिल रहे थे। इन आवेदनों में कंपनियों ने दवा सामग्री की बढ़ती लागत, बढ़ते उत्पादन लागत और एक्सचेंज रेट में बदलाव जैसे अलग-अलग कारणों का हवाला दिया गया है।
पैरासिटामोल टैबलेट (500 mg), मधुमेह विरोधी दवा ग्लिमेपिराइड, उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 mg), एसिड रिफ्लक्स की दवा पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल सी और डी3 दवा क्वालिटी टेस्ट में रहीं विफल।
Govt bans 156 medicines : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाली 156 एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें एंटीबायोटिक्स, एंटी-एलर्जिक्स, बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, दर्द निवारक दवाएं और मल्टीविटामिन शामिल हैं।
दवा निर्माता ने कहा कि स्टारिजो (टेडिजोलिड फॉस्फेट) छह दिनों के लिए दिन में एक बार मौखिक उपचार है, जबकि वर्तमान मानक देखभाल के अनुसार इसे 10-14 दिनों के लिए दिन में दो बार दिया जाना चाहिए।
ब्लडप्रेशर घटाने वाली दवा हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड की गोलियां अब 11.07 रुपये की जगह 10.45 रुपये में मिलेंगी। इसी तरह, डेपाग्लिफ्लोजिन मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की कीमत एक गोली के लिए 16 रुपये तय की गई है, जबकि पहले इसकी कीमत 30 रुपये थी।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो इससे कीमतों में बढ़ोतरी होती है और जब यह नीचे आती है तो दाम कम हो जाते हैं।
कंपनी का यह भी कहना है कि यह शुगर-फ्री दवा है और इसका स्वाद अच्छा है। निश्चित-खुराक वाली गोलियों के उलट, डॉक्टर हर रोगी को बेहतर ढंग से फिट करने के लिए खुराक को एडजस्ट कर सकते हैं।
तीन साल की अवधि में मोबाइल उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’ मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 में कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन 101 अरब अमेरिकी डॉलर का था जिसमें से स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 44 अरब अमेरिकी डॉलर की थी। निर्यात 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का किया गया।
नए नियम के तहत दवा निर्माता कंपनियों को दवाओं पर H2/QR कोड लगाना ज़रूरी होगा। दवा का प्रॉपर और जेनरिक नाम, ब्रांड और निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, दवा की मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट की जानकारी भी देनी होगी।
Medicines Discount: गंभीर बीमारी से परेशान मरीजों के लिए राहत की खबर आई है। MedPlus 500 से अधिक दवाओं पर छूट देने जा रही है।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
New Rates Medicines: कोरोना महामारी के बाद से दवाईयों की कीमत तेजी से बढ़ी है। जरूरी बीमारी की दवाईयां भी काफी महंगी मिल रही है।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।
एनपीपीए ने ट्वीट कर कहा कि सरकार एनएलईएम में सूचीबद्ध कुल 870 दवाओं में से अबतक 651 के अधिकतम मूल्य को तय कर पाई है।
जल्द ही जरूरी दवाओं के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जहां दिल की बीमारियों, डायबिटीज से जुड़ी दवाओं के दाम 10 % फीसद तक बढ़ सकते हैं।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) ने पिछले महीने ऑनलाइन फार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि बिना लाइसेंस के ड्रग्स बेचने और वितरित करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
मांडविया ने कहा कि फार्मास्युटिकल्स विभाग (डीओपी) ने चार चयनित आवेदकों को 166 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन की पहली किस्त जारी की है।
वर्ष 1997 में स्थापित एनपीपीए औषधि उत्पादों की कीमतें निर्धारित एवं संशोधित करने के अलावा डीपीसीओ के प्रावधानों को लागू करने एवं नियंत्रित दवाओं की कीमतों पर नजर रखने का काम करता है।
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