Paytm का लक्ष्य देश के लाखों छोटे व्यवसायों को अतिरिक्त शुल्क की चिंता किए बिना सभी स्रोतों से डिजिटल भुगतान स्वीकार करने में सहयोग देना है।
एनपीसीआई ने सर्कुलर जारी कर कहा कि वह 1 जनवरी, 2020 से पूर्वव्यापी प्रभाव वाले सभी घरेलू यूपीआई मर्चेट (पी 2 एम) लेनदेन के लिए यूपीआई इंटरजेंज और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर शुल्क को 'जीरो' संशोधित करने के लिए सहमत हो गया है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि एक जनवरी 2020 से भुगतान के कुछ चुनिंदा तरीकों में मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क लागू नहीं होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भुगतान के अधिसूचित तरीकों पर एमडीआर शुल्क नहीं लगेगा जिसके लिए शीघ्र अधिसूचना जारी की जाएगी।
नए नियम के मुताबिक, 1 नवंबर 2019 से कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट लेना अनिवार्य है। इसके अलावा ग्राहक या मर्चेंट्स से डिजिटल पेमेंट के लिए कोई भी शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं वसूला जाएगा।
नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि उसने रुपे डेबिट कार्ड से लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को तर्कसंगत बना दिया है। नई दर 20 अक्टूबर 2019 से प्रभावी होगी। एनपीसीआई की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार डेबिट कार्ड के लेनदेन पर दी गई यह छूट सभी तरह के पाइंट आफ सेल (पीओएस) पर लागू होगी।
पेटीएम (Paytm) यूजर्स के लिए बुरी खबर है। आज (1 जुलाई) से पेटीएम मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) का बोझ कंज्यूमर्स पर डालेगी।
रेल से सफर करने वाले यात्रियों को सरकार ने होली के मौके पर बड़ा तोहफा दिया है। अब यदि आप अपने डेबिट कार्ड के जरिए टिकट बुक कराते हैं तो आपको अब अतिरिक्त चार्ज चुकाने की कोई जरूरत नहीं है।
उपभोक्ताओं को अब डेबिट कार्ड, भीम एप तथा अन्य भुगतान माध्यमों के जरिये 2,000 रुपए तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह सुविधा एक जनवरी से लागू हो गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में MDR की दरों में कटौती की है, 20 लाख रुपए से कम का सालाना टर्नओवर रखने वाले कारोबारियों के लिए यह दर 0.40 प्रतिशत है
सभी डेबिट कार्ड, भीम यूपीआई और आधार सक्षम पेमेंट सर्विस के जरिये 2,000 रुपए तक के लेनदेन पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क को सरकार द्वारा वहन करने को अपनी मंजूरी दे दी है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह मर्चेंट छूट दर (MDR) के मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक (MDR) के साथ चर्चा करेगा ताकि इसे कम करने की प्रणाली पर काम किया जा सके।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मर्चेंट आउटलेट्स पर डेबिट कार्ड से लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को सीमित करते हुए उन्हें युक्तिसंगत बनाने का अहम कदम उठाया है।
फिलहाल देश में 2000 रुपए तक की ट्रांजेक्शन पर MDR की दर 0.75 प्रतिशत है और 2000 रुपए से ऊपर की ट्रांजेक्शन पर यह दर बढ़कर 1 फीसदी हो जाती है।
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन टिकट बुक करने पर लगने वाला मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क खत्म हो सकता है।
देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए RBI ने कहा कि वह डेबिट कार्ड भुगतान पर लगने वाले MDR शुल्क पर अंतिम दिशा-निर्देश जल्द ही जारी करेगा।
देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर लगने वाले शुल्क में भारी कटौती करने की योजना बना रही है।
सरकार डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन के लिए एमडीआर में कटौती पर विचार कर रही है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ये फैसला ले सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि इस तरह के पेमेंट का वॉल्यूम बढ़ने के साथ ही डेबिट कार्ड पेमेंट पर लगने वाले चार्जेस भी कम होंगे।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर सौदा शुल्क बैंक व तेल विपणन कंपनियां वहन करेंगी, ग्राहक नहीं।
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