मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) ने कहा कि हम यह साफ करना चाहते हैं कि आईपीई प्लस फंड और आईपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस से जुड़ा नहीं है और इसे कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है।
2020-21 में भारत में मॉरिशस के जरिये आया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कुल निवेश का 9 प्रतिशत रहा है। हालांकि साल 2018-19 में ये हिस्सा 32 प्रतिशत था। बीते 2 साल से इसमें गिरावट है।
इस समझौते में भारत के लिये 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल किया गया है। इनमें खाद्य एवं पेय पदार्थ, कृषि उत्पाद, कपड़ा और कपड़ा सामान, मूल धातु, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रनिक सामान, प्लास्टिक और रसायन तथा लकड़ी शामिल है।
अमेरिका भारत में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) का दूसरा प्रमुख स्रोत हो गया है और उसने मॉरीशस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है। सिंगापुर प्रथम स्थान पर बना हुआ है।
भारत ने सोमवार को मॉरीशस को 10 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा (एलओसी) देने की घोषणा की। इसके जरिये मॉरीशस भारतीय रक्षा उपकरणों की खरीद कर सकेगा।
पर्यटन सेवा कंपनी थॉमस कुक (इंडिया) भारत, श्रीलंका और मॉरीशस के बाजारों में थॉमस कुक ब्रांड के अधिकार हासिल करेगी।
देश में सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करने के मामले में मॉरीशस शीर्ष पर रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 में देश को कुल 37.36 अरब डॉलर का एफडीआई मिला।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार मॉरीशस, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का सबसे बड़ा स्रोत है। इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन का स्थान है।
भारत में बने खादी उत्पादों को देश के बाहर वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार विदेश में खादी स्टोर खोलने की योजना पर काम कर रही है।
भारत ने आज मॉरीशस को 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। दोनों देशों ने समुद्री क्षेत्र में आपसी संबंध और गहरे बनाने का संकल्प जताया।
चीन के मेगा प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड़ यानि OBOR का भारत लगातार विरोध कर रहा है। इसलिए भारत सरकार ने OBOR के खिलाफ नई स्टैटजी तैयार की है।
रुइया के स्वामित्व वाले एस्सार ग्रुप ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से 4,000 करोड़ रुपए का रिफंड मांगा है।
मारीशस आशावान है कि नई संधि में भी वह भारत में FDI के सबसे बड़ा स्रोत बना रहेगा। उसने यह बात ऐसे समय कही है जबकि संधि के ब्योरे को लेकर बातचीत जारी है।
VVIP हेलीकाप्टर सौदा मामले में ईडी ने कम-से-कम 10 परिसरों की तलाशी ली और विदेशी कंपनियों के 86 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर जब्त किए।
मारीशस के साथ टैक्स संधि में संशोधन करने के बाद भारत अब जल्द ही सिंगापुर तथा साइप्रस के साथ पुराने कर समझौतों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू करेगा।
भारत की मारीशस के साथ संशोधित कर संधि द्विपीय देश की साख के लिए अच्छी नहीं है। साथ ही इससे मारीशस, भारत में निवेश के लिए कम आकर्षक मंच होगा।
मारीशस के रास्ते किए जाने वाले निवेश पर अगले साल अप्रैल से भारत में पूंजीगत लाभ कर लगना शुरू हो जाएगा।
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