एक अनुमान के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट की शॉर्टेज के चलते 116,000 वाहनों का उत्पादन नहीं किया जा सका, इनमें से अधिकांश घरेलू बाजार में बिकने वाले मॉडल हैं।
इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए ऐसी कारों के विकल्प लेकर आई है जो शानदार माइलेज देती हैं।
कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के उत्पादन में पिछले महीने सेमीकंडक्टर चिप की कमी के कारण 51 प्रतिशत की गिरावट आयी।
देश की सबसे बड़ी पैसेंजर कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री सितंबर माह के दौरान घटकर आधी रह गई है। सितंबर 2021 में कंपनी ने कुल 86,380 वाहनों की बिक्री की है
आगे भी कंपनी का ध्यान वाहनों के प्रदर्शन से समझौता किए बिना ईंधन दक्षता हासिल करने पर रहेगा। वास्तव में, पिछले कुछ वर्षों में मारुति के वाहनों का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।
35 वर्ष से कम उम्र के 52 प्रतिशत से अधिक ग्राहकों के साथ स्विफ्ट को अपने परिपक्व होते युवा ग्राहकों की बदलती आकांक्षाओं के अनुरूप लगातार नया रूप दिया जाता रहा है।
सियाज 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ आती है और यह सुजुकी के स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से लैस है, जो ईंधन-क्षमता को बढ़ाती है।
31 अगस्त को कंपनी ने घोषणा की थी कि सेमीकंडक्टर्स की कमी की वजह से सितंबर में उसे अपने हरियाणा और गुजरात स्थित संयंत्रों में सामान्य उत्पादन की तुलना में केवल 40 प्रतिशत उत्पादन होने की आंशका है।
कीमती धातुओं जैसे रोडियम की कीमत मई 2020 में 18000 रुपये प्रति ग्राम से बढ़कर जुलाई में 64,300 रुपये प्रति ग्राम हो गई है।
मारुति सुजुकी ने मोटर जनरेटर यूनिट की मुफ्त में जांच और रिप्लेसमेंट के लिए प्रभावित वाहनों को स्वैच्छा से रिकॉल करने का निर्णय लिया है।
यूटीलिटी व्हीकल्स सेगमेंट में भी बिक्री बढ़ी है। अगस्त 2021 में कंपनी ने 24,337 इकाई की बिक्री की, जो अगस्त, 2020 में 21,030 इकाई थी। इस सेगमेंट में अर्टिगा, एस-क्रॉस, विटारा ब्रेजा, एक्सएल6 और जिप्सी शामिल हैं।
इससे पहले जनवरी में मारुति ने कुछ कार मॉडलों के लिए कीमतों में इजाफा किया था।
वर्तमान में सरकार का ध्यान दो-पहिया क्षेत्र के इलेक्ट्रिफिकेशन पर है, जहां हीरो इलेक्ट्रिक और ओला सहित कई अन्य कंपनियां इस पर काम कर रही हैं।
जांच के बाद जारी अपने आदेश में सीसीआई ने मारुति को इस तरह के कृत्यों से दूर रहने का निर्देश दिया और 60 दिनों के भीतर जुर्माना भरने का आदेश दिया।
सीएएफई लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में ऑटो निर्माता कंपनियों को एक प्रभावी पावरट्रेन विकल्प की तलाश करनी होगी, जिसके लिए अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी।
कोरोना संकट से जूझ रहे देश में एक बार फिर त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है। ऐसे में सभी कंपनियां कमर कस कर तैयार है।
सुजुकी मोटर गुजरात की उत्पादन क्षमता 7.5 लाख इकाई सालाना है। एसएमजी जो भी उत्पादन करती है, उसे मारुति सुजुकी इंडिया को आपूर्ति करती है।
यदि हम तीसरी लहर को रोक सकते हैं या उसके प्रभाव को उल्लेखनीय रूप से कम कर सकते हैं, तो आर्थिक गतिविधियां सुधरेंगी और कारों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय सुधार होगा।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की बिक्री जुलाई में 50 प्रतिशत बढ़कर 1,62,462 इकाई पर पहुंच गई। इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 1,08,064 वाहन बेचे थे।
जून को समाप्त पहली तिमाही में मारुति ने 475 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 268 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
लेटेस्ट न्यूज़