कुछ लोकप्रिय कार माडलों के दुर्घटना परीक्षण में फेल होने से वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली के रख के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 69 अंक टूट गया।
बाजार के हिसाब से भारत की दस सबसे मूल्यांकन वाली कंपनियों में से शीर्ष पांच के बाजार पूंजीकरण में पिछले हफ्ते 25,388.68 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।
वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा कंपनियों के तिमाही नतीजों से आगामी सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स की शीर्ष 9 के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 47,932.59 करोड़ रुपए की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान कंपनी TCS रही।
इस साल अबतक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों में 12,911 करोड़ रुपए का निवेश किया है जबकि 939 करोड़ रुपए बांड बाजार से निकाले।
टीसीएस की अगुवाई में सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में से तीन के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 34,256 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ।
मार्केट कैपिटालाइजेशन के लिहाज से देश की दस टॉप कंपनियों में से नौ का मार्केट कैप बीते सप्ताह कुल मिलाकर 68,023 करोड़ रुपए बढ़ा।
बीते हफ्ते शेयर बाजार में आई जबरदस्त उछाल में देश की टॉप 10 कंपनियों में से 7 ने अपने बाजार पूंजीकरण में 1 लाख करोड़ रुपए का इजाफा किया।
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटालाइजेशन अगले 3-4 साल में बढ़कर 100 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा।
सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में से 6 का मार्केट कैपिटालाइजेशन पिछले सप्ताह के उठापटक वाले कारोबार में 41,672.7 करोड़ रुपए घट गया।
हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शेयर बाजार में अच्छा सुधार देखा गया। बंबई शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 250 अंकों से अधिक की वृद्धि देखने को मिली।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री खासतौर पर कार निर्माताओं के लिए साल का आखिरी महीना बेहतरीन रहा। देश में सवारी कारों की बिक्री 12.87 प्रतिशत बढ़कर 1,72,671 इकाई रही।
सोमवार को बीएसई सेंसेक्स में आई 538 अंकों की बड़ी गिरावट ने निवेशकों के 1.54 लाख करोड़ रुपए स्वाहा कर दिए।
2015 में जहां कई नई कारों ने भारतीय बाजार में एंट्री ली। वहीं कंपनियों ने साल के लगभग हर महीने में अपनी पुरानी कारों के फेसलिफ्ट वर्जन उतारे।
आप कोई सेकेंड हैंड कार लेने जाते हैं और उसकी बाहरी खूबसूरती को देखकर इतने आकर्षित हो जाते हैं और बाद में आपको वही सारी चीजें परेशान करती हैं।
एसोचैम ने दावा किया है कि देश में बिक रहे 60 से 70 फीसदी फिटनेस सप्लिमेंट नकली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सप्लीमेंट नकली या गैर-मान्यता प्राप्त हैं।
वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-सितंबर) में भारतीय कंपनियों ने बाजार से 3 लाख करोड़ रुपए की राशि जुटाई है।
देश में फास्ट फूड का बाजार अगले पांच साल के दौरान 2020 तक 25,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में इस बाजार का आकार 8500 करोड़ रुपए है।
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