सेबी ने कहा कि आईपीओ शुरू करने की योजना बना रहे एसएमई को अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करते समय पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से दो में कम से कम 1 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल प्रॉफिट (ब्याज, मूल्यह्रास और कर से पहले की कमाई - ईबीआईटीडीए) शो करना होगा।
TCS का बाजार मूल्यांकन बढ़कर 16,08,782.61 करोड़ रुपये हो गया। HDFC Bank ने 45,338 करोड़ रुपये जोड़े, जिससे उसका बाजार मूल्यांकन बढ़कर 14,19,270 करोड़ रुपये हो गया।
फंड जुटाने में अभिषेक अमिताभ बच्चन और सचिन रमेश तेंदुलकर सहित कई दिग्गज व्यक्तियों सहित कई पारिवारिक कार्यालयों और निवेशकों ने भाग लिया। ज़ेप्टो की तरफ से कहा गया कि यह राउंड भारतीय निवेशकों की परिवर्तनकारी स्टार्टअप का समर्थन करने की बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
27 सितंबर को सेंसेक्स 85,978.25 अंकों पर बंद हुआ था तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी 50 भी 26,277.35 अंकों के अपने ऑल टाइम हाई पर बंद हुआ था। उसके बाद से बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। शेयर बाजार में जारी इस तबाही की वजह से निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब चुके हैं।
इन्फोसिस की बाजार हैसियत 38,054.43 करोड़ रुपये घटकर 7,31,442.18 करोड़ रुपये पर आ गई। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 27,299.54 करोड़ रुपये घटकर 9,20,299.35 करोड़ रुपये रह गया। टीसीएस के मूल्यांकन में 26,231.13 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से नौ का बाजार पूंजीकरण 2.09 लाख करोड़ रुपये घटा। रिलायंस इंडस्ट्रीज की बाजार हैसियत 41,994.54 करोड़ रुपये घटकर 17,96,726.60 करोड़ रुपये रह गई।
सप्ताह के दौरान आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 28,495.14 करोड़ रुपये बढ़कर 8,90,191.38 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 23,579.11 करोड़ रुपये बढ़कर 12,82,848.30 करोड़ रुपये हो गया।
शंघाई और शेनझेन बाजारों में कारोबार करने वाले शीर्ष 300 शेयरों पर नज़र रखने वाले सीएसआई300 इंडेक्स में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई। चीनी शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि बाजार अब आधे-अधूरे वादों को नहीं खरीद रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस आसानी से पीएमएस (कीमती धातुओं और पत्थरों) का उपयोग स्वामित्व का निशान छोड़े बिना बड़ी मात्रा में धन ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है, यह चिंताजनक है।
शेयर बाजार में लिस्ट होने के तुरंत बाद शेयरों के भाव में बड़ी गिरावट देखने को मिली और ये 117 रुपये से 111.15 रुपये पर आ गया। हालांकि, कुछ ही देर बाद शेयरों में हुई तेज खरीदारी की वजह से ये 5 प्रतिशत की तेजी के साथ 122.85 रुपये के भाव पर पहुंच गया।
इंफोसिस के मार्केट कैप में 20,973.19 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई और ये घटकर 7,35,277.28 करोड़ रुपये हो गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का मार्केट कैप 19,157.77 करोड़ रुपये घटकर 15,30,469.11 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
ITC की बाजार हैसियत 16,619.51 करोड़ रुपये घटकर 6,11,423.11 करोड़ रुपये पर और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की 13,431.54 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 7,56,717.85 करोड़ रुपये रह गई।
मौजूदा समय में अमेरिका 57.28 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार है। दूसरे नंबर पर 8.24 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट कैप के साथ चीन, 6.49 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट कैप के साथ जापान और 5.51 ट्रिलियन डॉलर की मार्केट कैप के साथ भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार है।
सबसे अधिक लाभ में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) रही। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 522.74 अंक या 0.65 प्रतिशत के लाभ में रहा। सेंसेक्स शुक्रवार को 622 अंक या 0.78 प्रतिशत उछलकर 80,519.34 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ था।
बीते सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी का बाजार मूल्यांकन तेज हो गया।
आईटीसी का मूल्यांकन 14,357.43 करोड़ रुपये घटकर 5,23,858.91 करोड़ रुपये पर और हिंदुस्तान यूनिलीवर का 8,904.95 करोड़ रुपये के नुकसान से 5,73,617.46 करोड़ रुपये रह गया।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 299.41 अंक या 0.39 प्रतिशत के लाभ में रहा। 13 जून को सेंसेक्स 77,145.46 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा।
शेयर बाजार में ऑफर प्राइस के साथ आने वाला एक और बिड प्राइस है। यह वह उच्चतम दर है जिस पर कोई खरीदार किसी निवेश प्रतिभूति के लिए भुगतान करने के लिए सहमत होता है।
पिछले सप्ताह 10 सबसे मूल्यवान घरेलू कंपनियों में आठ ने अपने बाजार मूल्यांकन में कुल मिलाकर 3.28 लाख करोड़ रुपये जोड़े। इस दौरान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक लाभ हुआ।
कंपनी का कहना है कि उसे लगता है कि नवीकरणीय ऊर्जा और नए उद्योगों (हरित हाइड्रोजन, बैटरी भंडारण आदि) की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे और इक्विटी पूंजी चाहिए।
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