भारतीय निर्माताओं ने अगस्त के दौरान नए व्यवसाय और उत्पादन में नरम वृद्धि की सूचना दी, हालांकि ऐतिहासिक मानकों के अनुसार विस्तार की दरें ऊंची रहीं। निर्माताओं ने सुरक्षा स्टॉक बनाने के लिए अपने कच्चे माल की खरीद गतिविधि में वृद्धि की।
देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अप्रैल महीने में मामूली सुधार हुआ है। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर में तेजी, मांग की अनुकूल स्थितियों के बीच महंगाई के दबाव का कम होना रहा।
देश की विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की गतिविधियां मार्च में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर की धीमी रफ्तार और भर्ती प्रक्रिया को लेकर कपनियों की सुस्ती रही।
RBI की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा और सप्ताह के दौरान जारी होने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों से आने वाले सप्ताह के दौरान शेयर बाजार की चाल तय होगी।
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