बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे कुछ शहरों में नियुक्ति संबंधी गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि भी देखी गयी
भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोविड महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव के बारे में द्रेज ने कहा कि जहां तक कामकाजी लोगों का सवाल है, स्थिति पिछले साल से बहुत अलग नहीं है।
ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान में कमी का कारण लॉकडाउन की वजह से जून तिमाही में होने वाला नुकसान है।
सरकार द्वारा लॉकडाउन को एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ाया जाए अथवा व्यापारियों द्वारा स्वैच्छिक लॉक डाउन किया जाना ही वर्तमान में एक मात्र विकल्प है।
लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाए जाने के बीच कुछ विश्लेषकों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने पहले के अनुमान घटा दिए हैं।
एमएसआई के चैयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि लॉकडाउन के जारी रहने पर असर पड़ सकता है क्योंकि तब बिक्री केंद्र बंद पड़े रहेंगे।
फिलहाल स्थिति उतनी बदतर नहीं है जितनी की पहले लॉकडाउन में देखी गई थी। उस समय बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।
केंद्र सरकार के आंकड़े के अनुसार राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.97 प्रतिशत पहुंच गयी है। शहरी क्षेत्रों में 9.78 प्रतिशत जबकि ग्रामीण स्तर पर बेरोजगारी दर 7.13 प्रतिशत है।
लॉकडाउन से आवाजाही पर उल्लेखनीय असर पड़ा है और इस बात के संकेत है कि इसका प्रभाव बिजली मांग, रेल माल ढुलाई जैसे कारकों के रूप में अर्थव्यवस्था के वृहत भाग पर है।
नोमुरा ने 2021 के लिये वृद्धि दर के अनुमान को 11.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि मौजूदा कोविड लहर से अप्रैल जून तिमाही पर असर की संभावना दी है।
कोविड-19 के बढ़ते नए मामलों तथा उसकी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लगाए जा रहे लॉकडाउन से चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 10 प्रतिशत से नीचे जा सकती है।
बैंक ने उम्मीद जताई है कि उनके मोबाइल एटीएम उन लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा प्रदान करेंगे, जो अपने घर से दूर जाए बिना बुनियादी वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाना चाहते हैं।
लॉकडाउन से व्यापारियों और अर्थव्यवस्था को आर्थिक नुकसान होगा, फिर भी लोगों के जीवन को बचाने और कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए इसे आगे बढ़ाना चाहिए।
यह सर्वे सात बड़े शहरों की कंपनियों के बीच किया गया। सर्वे में शामिल 60 प्रतिशत कंपनियों ने सरकार की ओर से और समर्थन की उम्मीद जताई।
सरकार ने रेमडेसिविर, इसके कच्चे माल तथा वायरल रोधी दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है।
18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में प्रतिदिन प्रत्येक 10 लाख लोगों पर 2,408 को टीका लगाया गया। इससे पिछले यानी 11 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में यह आंकड़ा 2,554 का था।
दिल्ली के खुदरा व्यापारियों ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लॉकडाउन की घोषणा के बाद उनके स्टोर पर ‘चिंता’ वाली खरीदारी देखने को मिली। हालांकि, पिछले साल की तुलना में उपभोक्ता घबराए हुए नहीं हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने 12.5 प्रतिशत की संभावना जतायी है।
शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एससीएआई) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने से उद्योग का कारोबार करीब 50 प्रतिशत गिर गया है।
बोफा की रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि अभी सुस्त है और महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों में गिरावट आई है। ऋण की वृद्धि काफी कमजोर है।
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