देश के कई बैंक म्यूचुअल फंड के बदले 10 से 15 प्रतिशत की ब्याज दरों पर लोन मुहैया कराते हैं। बताते चलें कि अगर आपके पास इक्विटी म्यूचुअल फंड है तो आप उसकी वैल्यू का 50 प्रतिशत मार्जिन गिरवी रखना पड़ेगा।
क्रेडिट स्कोर की मदद से ही बैंक ये पता लगाते हैं कि किसी ग्राहक को लोन देने में कितना रिस्क है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर कुछ ज्यादा ही खराब है तो बैंक आपको लोन देने से सीधा मना कर सकता है।
NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां और फिनटेक कंपनियां जरूरतमंद लोगों को पर्सनल लोन मुहैया कराती हैं। लेकिन अगर आप किसी फिनटेक कंपनी के मोबाइल ऐप से पर्सनल लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो यहां आपको बहुत सावधान रहना होगा।
आपने 8.20 प्रतिशत की ब्याज दर पर 30 साल के लिए होम लोन लिया है और आपकी EMI 22,000 रुपये बन रही है। तो फिक्स्ड रेट होम लोन में पूरे 30 साल तक आपको 8.20 फीसदी की ब्याज दर से ही लोन चुकाना होगा और आपको पूरे 30 साल तक हर महीने 22,000 रुपये की ही EMI देनी होगी।
घर में नए कमरे बनवाना, बाथरूम की संख्या बढ़ाना या फर्नीचर के काम में मोटा खर्च आता है। इतना ही नहीं, पर्सनल लोन सबसे महंगा लोन होता है। जिसके लिए आपको 13 से 15 प्रतिशत तक का ब्याज चुकाना पड़ता है।
पंजाब नेशनल बैंक 8.75 से 10.60 प्रतिशत तक की ब्याज दरों पर कार लोन दे रहा है। पीएनबी कार लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 1000 रुपये से 15,000 रुपये तक ले रहा है। पीएनबी से कार लोन लेने पर आपको हर महीने 10,319 से 10,772 रुपये तक की ईएमआई चुकानी होगी।
ताजा बढ़ोतरी के बाद भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों से 3 साल के लिए 9.10 प्रतिशत और दो साल के लिए 9.05 प्रतिशत ब्याज वसूलेगा। इसके अलावा एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि के लिए ब्याज दरें 8.45 से लेकर 8.85 प्रतिशत तक की रेंज में रहेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दरें नियंत्रणमुक्त हैं और अकसर बैंक फंड्स आकर्षित करने के लिए डिपॉजिट रेट्स में बढ़ोतरी करते हैं। शक्तिकांत दास ने कहा, ''बैंक ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।''
केनरा बैंक के मुताबिक, तीन वर्षीय एमसीएलआर 5 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 9.40 प्रतिशत होगी, जबकि दो वर्षीय एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत होगी।
पर्सनल लोन एक तरह से असुरक्षित लोन होते हैं। ऐसे में बैंक सही मूल्यांकन के बाद ही इसे ऑफर करते हैं। हर बैंक या संस्थान के अपने मानदंड होते हैं, और जो उन्हें पूरा कर सकते हैं उन्हें पर्सनल लोन दिया जाता है।
अगर आप अपने होम लोन को किसी दूसरे बैंक को ट्रांसफर करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको प्रोसेसिंग फीस, एप्लीकेशन चार्ज, एडमिनिस्ट्रेशन फीस, रिव्यू फीस, और बहुत कुछ सहित विभिन्न शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है।
सलाहकार फर्म ने कहा कि कुल लोन बाजार में 2024-2026 के बीच भारतीय रियल एस्टेट में 14,00,000 करोड़ रुपये (170 अरब डॉलर) के वित्तपोषण के अवसर की संभावना है।
क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है।
वित्त वर्ष 2023-24 में दिए गए लोन की संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो गई। पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल ऋणदाताओं के कुछ व्यवहार पर चिंता जताई है और उनके संचालन के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट भी तैयार किया है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी और शुक्रवार को समाप्त होगी। इसमें देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति, मानसून की स्थिति, वैश्विक कारकों आदि के आधार पर नीतिगत दरों पर फैसले लिए जाएंगे।
अगर आप अपने होम लोन पर ब्याज भुगतान कम करना चाहते हैं, तो आपको लोन की राशि का प्री-पेमेंट करने पर विचार करना चाहिए।
आखिर आपको क्रेडिट कार्ड की जरूरत है भी या नहीं, अप्लाई करने से पहले सोचिएगा जरूर। अगर लेना सोच ही लिया है तो आपके लिए सही कार्ड वह होगा जो आपकी ज़रूरत से मेल खाता हो।
भारत में बाइक या स्कूटर छात्रों में खासा पॉपुलर है। मध्यम वर्गीय आय वालों के लिए क्या विकल्प हैं, इसे अगर पहले समझ लिया जाए तो बेहतर है। ऐसे में अगर आपके मन में यह सवाल है कि क्या एक स्टूडेंट भी टू व्हीलर के लिए लोन ले सकते हैं तो इसे समझना जरूरी है।
आयोग ने बैंक को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को काटी गई ईएमआई ब्याज सहित वापस करे और आदेश मिलने के 60 दिन के भीतर उन्हें सेवा में कमी और मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये का भुगतान करे।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि कुछ उत्पादों या असुरक्षित ऋण जैसे क्षेत्रों के लिए जोखिम काफी ज्यादा हैं और यह लंबे समय तक टिकने वाला नहीं है। उनका यह भी कहना है कि उधार के बारे में निर्णय लेने के लिए ‘एल्गोरिदम’ पर अत्यधिक निर्भरता भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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