भारत की आर्जेन्टिना में 5 लिथियम रिजर्व के ब्लॉक खरीदने के लिए बातचीत फाइनल स्तर पर है। इनके एक्सपोलोरेशन और डेपलवमेंट पर करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
EV industry Revolution: आने वाला भविष्य और वर्तमान को जो एक चीज एनर्जी दे रही है वो है लिथियम। फिलहाल इस लिथियम पर ऑस्ट्रेलिया और चीन की बादशाहत है। इन दोनों देशों को पास कई लाख टन का लिथियम के रिजर्व हैं। अब भारत इसमें नया लीडर बनने जा रहा है।
हाल ही में जम्मू में मिले लिथियम के बड़े भंडार ने सरकार और कंपनियों की चिंता की लकीरें कम कर दी है। अब अच्छी खबर यह है कि जम्मू क्षेत्र में मिली लिथियम की इन खदानों की जल्द ही नीलामी भी शुरू हो सकती है।
2030 तक अपने वाहन एवं ऊर्जा क्षेत्रों को कार्बन मुक्त बनाने के लिए देश को 903 गीगावॉट के ऊर्जा भंडारण की आवश्यकता होगी।
लिथियम-आयन बैटरी (Lithium Ion Battery) पर आधारित ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) भारत को अपने ग्रीनहाउस गैस (Greenhouse Gas) शमन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। सरकार उसके लिए एक नए नियम को भी लागू कर चुकी है
सार्वजनिक क्षेत्र की एनएमडीसी की योजना विदेशी भूमि पर लीथियम और कोबाल्ट जैसे खनिजों का खनन करने की है। इन खनिजों का उपयोग बिजली से चलने वाले वाहनों में किया जाता है।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मीरजाद ने साइंस मैग्जीन को 2010 में बताया था कि यदि अफगानिस्तान अपने खनिज संसाधनों को विकसित करता है तो यह एक दशक के भीतर क्षेत्र में सबसे धनी देशों में से एक बन सकता है।
बैटरी बनाने वाली कंपनी एक्साइड इंडस्ट्रीज ने कहा है कि वह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग की मांग को पूरा करने के लिये लिथियम आयन प्रौद्योगिकी पर काम कर रही है। हालांकि, कंपनी का मानना है कि ईवी के लोकप्रिय होने के बाद भी पंरपरागत ‘लेड एसिड बैटरी’ प्रासंगिक बनी रहेगी।
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