इंश्योरेंस में 'सरेंडर वैल्यू' का मतलब उस राशि से है जो पॉलिसी की मैच्यॉरिटी डेट से पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से पॉलिसीहोल्डर को दी जाती है। अगर कोई पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी मैच्यॉर होने से पहले उसे सरेंडर करने का फैसला करता है तो उसे इनकम और सेविंग्स का हिस्सा दिया जाएगा।
यहां एक बात और ध्यान देने वाली है कि सिर्फ लाइफ इंश्योरेंस होना ही जरूरी नहीं है। यहां मायने ये रखता है कि आपका लाइफ इंश्योरेंस कितना कवर देता है। यहां हम ये जानेंगे कि क्या आपके परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये का लाइफ इंश्योरेंस काफी है?
अगर आप यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (यूएलआईपी) खरीद रहे हैं तो अलग-अलग शुल्क, फंड ऑप्शन, फंड स्विच करने से जुड़े सवाल जरूर पूछें। जब भी आप बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए फॉर्म भर रहे हों तो इसे पूरी तरह से और सही जानकारियों के साथ भरें।
लाइफ इंश्योरेंस में भुगतान आपके परिवार के सदस्यों को किसी भी लंबित लोन से निपटने में मदद कर सकता है। यह आपको अपने प्रियजनों को एक अच्छी विरासत छोड़ने की अनुमति देता है।
यह राहत उन पॉलिसी के लिये है जिनका प्रीमियम का भुगतान मार्च में होना था
जीवन बीमा पॉलिसी के साथ अतिरिक्त लाभ देने वाले विशेष पॉलिसी को राइडर कहते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ लोकप्रिय राइडर के बारे में बताने जा रहे हैं...
जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर आपके जीवन से जुड़ी तमाम छोटी-बड़ी बातें असर डालती हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख बीमा कंपनी LIC ने मौजूदा वित्त वर्ष में अपने नई पालिसी कारोबार को दोगुना कर चार करोड़ करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए नकदी रहित (कैशलेस) स्वास्थ्य बीमा योजना पर काम कर रही है, जिसकी घोषणा आगामी बजट 2016-17 में की जा सकती है।
बीमा धारक पॉलिसी की मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाल सकेंगे और इसके लिए कंपनियां कोई पेनाल्टी भी नहीं लगाएगी। इराडा नया नियम बनाने जा रहा है।
अक्सर हम पहली बार इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त कुछ बातों का ख्याल नहीं रखते और गलत पॉलिसी में पैसा लगा देते हैं। इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार बढ़ता ही जा रहा है। वित्त वर्ष 2014-15 में शिकायतों की संख्या 25,600 पर पहुंच गईं।
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