कीमत की घोषणा एक या दो दिन में कर दी जाएगी। इश्यू का आकार अनुमानित ₹21,000 करोड़ बताया जा रहा है।
बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार को निर्गम का आकार 3.5 प्रतिशत पर लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
एलआईसी में पांच फीसदी हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर की बिक्री पहले मार्च में होने वाली थी लेकिन भूराजनीतिक तनाव के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया था।
सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) नियमों में संशोधन किया है। इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलआईसी में 20 प्रतिशत तक एफडीआई का रास्ता खुल गया है।
सरकार के पास सेबी के पास जमा कराए गए दस्तावेज के तहत 12 मई तक आईपीओ लाने का समय है। अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रीमियम में चूक की तारीख 5 साल से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दिसंबर के नतीजों के साथ एलआईसी के अद्यतन दस्तावेज (डीआरएचपी) दाखिल कर दिए गए हैं।’’ नवीनतम जानकारी के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एलआईसी को 235 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ।
अगर सरकार 12 मई तक आईपीओ नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे।
भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके तहत 31 करोड़ से ज्यादा शेयर आईपीओ के जरिये आएंगे।
सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था।
एलआईसी आईपीओ को मार्च के पहले हफ्ते में नियामकीय मंजूरी के बाद खुलने की उम्मीद थी। हालांकि, अब आईपीओ लॉन्च शेड्यूल में बदलाव हो सकता है।
एलआईसी के अध्यक्ष एम आर कुमार ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के बीमाधारक उसके आईपीओ में छूट के हकदार होंगे। उन्होंने मीडिया के साथ एक बातचीत में कहा, ‘‘पीएमजेजेबीवाई उसका हिस्सा है और उनके (बीमाधारकों) लिए आईपीओ में आरक्षण होगा।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी पहले ही अपने मार्जिन को सात प्रतिशत अंक बेहतर करते हुए 9.9 प्रतिशत पर पहुंचा चुकी है। सरकार ने एलआईसी के अधिशेष एवं लाभ वितरण नियमों में बदलाव कर इसके मार्जिन में बढ़ोतरी का रास्ता आसान बनाया है।
एलआईसी की ओर से लाया जा रहा है आईपीओ का साइज अब तक भारतीय बाजार के लिए सबसे बड़ा होने की उम्मीद है।
मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपये और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपये था।
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने 13 फरवरी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ दस्तावेज जमा कराए हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी के ब्रांड वैल्यू को देखते हुए आम और नए निवेशकों में इस आईपीओ का क्रेज बहुत ज्यादा है।
LIC आईपीओ में पॉलिसीहोल्डर्स को 10 फीसदी शेयर सस्ते दाम पर अलॉट करने का प्रस्ताव है।
यदि आप भी पॉलिसी धारक हैं तो एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने के लिए आपके पास दो चीजें होनी चाहिए
एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि निर्गम का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित रखा जा सकता है।
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