भारतीय जीवन बीमा निगम का शेयर अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। एलआईसी की गिरती साख से जहां आम निवेशक परेशान है।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस के बाजार मूल्यांकन में सामूहिक रूप से 45,746.13 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शेयर 17 मई को शेयर बाजार में गिरावट के साथ लिस्ट हुआ था। कंपनी के शेयर ने बाजा रमें 872 रुपये प्रति शेयर पर एंट्री ली।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शेयर 17 मई को शेयर बाजार में गिरावट के साथ लिस्ट हुआ था। कंपनी के शेयर ने बाजा रमें 872 रुपये प्रति शेयर पर एंट्री ली।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी के कमजोर तिमाही नतीजे के बाद शेयर में बिकवाली है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी के कमजोर तिमाही नतीजे के बाद शेयर में बिकवाली है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी के कमजोर तिमाही नतीजे के बाद शेयर पर दबाव बढ़ा है।
सरकार इस साल एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) और ओएनजीसी (ONGC) के ऑफ फॉर सेल (OFS) से 23,574 करोड़ रुपये की रकम जुटा चुकी है।
LIC की शेयर बाजार में लिस्टिंग के वक्त कंपनी मार्केट कैप के हिसाब से देश की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी बन गई थी।
जनवरी से मार्च की तिमाही में कंपनी का कुल लाभ 18 प्रतिशत घटकर 2371 करोड़ रुपये पर आ गया है।
यदि आपने भी आईपीओ में निवेश किया था और गिरावट से निराश हैं तो शेयर बेचिए नहीं, यह आपको लाभ देगा।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को एलआईसी अपने शेयर होल्डर्स को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 10 से 15 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान कर सकती है।
एलआईसी लिस्टिंग के दिन से देश की 5वीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। मंगलवार को कारोबार की समाप्ति के समय इसका मार्केट कैप 5.53 लाख करोड़ है।
ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने एलआईसी शेयर के लिए टारगेट प्राइस 1,000 रुपये दिया है। हालांकि, फर्म ने कंपनी की कारोबारी चुनौतियों पर सवाल भी उठाया है।
LIC आईपीओ की लिस्टिंग प्राइस बैंड से करीब 8 फीसदी नीचे यानी 872 रुपये में हुई है।
जानकारों का कहना है कि एलआईसी आईपीओ में बंपर लिस्टिंग गेन की उम्मीद बिल्कुल न करें। इसे लंबी अवधि के निवेश के तौर पर देखना चाहिए।
पॉलिसी होल्डर और रिटेल निवेशकों को क्रमश: 60 रुपये और 45 रुपये की छूट दी गई थी। इसके चलते पॉलिसी होल्ड को यह 889 रुपये और रिटेल निवेशकों को 904 रुपये में मिला था।
जिन कर्जदारों का सिबिल अंक 700 या इससे अधिक है उनके लिए दरों में वृद्धि केवल 20 आधार अंकों तक सीमित है
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अदालत को वाणिज्यिक निवेशों और आईपीओ के मामलों में किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से बचना चाहिए।
हम आपको स्टेप बाई स्टेप बता रहें जिसको फॉलो कर आप आसानी से अपना अलॉटमेंट चेक कर सकते हैं।
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