एलआईसी की एनएमडीसी के वोटिंग अधिकार वाले इक्विटी शेयरों में हिस्सेदारी 22,31,79,025 शेयरों से घटकर 16,40,59,791 शेयर रह गई है, जो कुल वोटिंग पूंजी का 7.6 प्रतिशत है।
कंपनी ने एक लाख करोड़ रुपये का एयूएम वित्त वर्ष 2025-26 तक होने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल एलआईसी एमएफ का एयूएम लगभग 38,000 करोड़ रुपये है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 16,526 करोड़ रुपये था।
एलआईसी बीमा सखी योजना के तहत किसी व्यक्ति की नियुक्ति को निगम के कर्मचारी के रूप में वेतनभोगी नियुक्ति नहीं माना जाएगा। मौजूदा एलआईसी एजेंट या कर्मचारी के रिश्तेदार एलआईसी बीमा सखी के रूप में भर्ती होने के पात्र नहीं होंगे।
बीमा सखी योजना के लिए 1 लाख महिलाओं को एलआईसी एजेंट के रूप में काम करने के लिए ट्रेंड किया जाएगा। ट्रेनिंग के बाद ये महिलाएं वित्तीय साक्षरता में अहम भूमिका निभाएंगी।
मंगलवार को जहां एक तरफ एलआईसी के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए तो वहीं दूसरी तरफ, टाटा पावर के शेयर बड़ी गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए। बताते चलें कि हफ्ते के दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार में भयानक गिरावट दर्ज की गई।
एलआईसी ने 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 18,082 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया, जबकि 30 सितंबर, 2023 को खत्म छमाही के लिए यह 17,469 करोड़ रुपये था।
गुरुवार सुबह 11.12 बजे तक एसआईसी के शेयर 5.05 रुपये (0.54%) की गिरावट के साथ 929.90 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे। बुधवार को 934.95 रुपये के भाव पर बंद हुए इंश्योरेंस कंपनी के शेयर आज गिरावट के साथ 931.55 रुपये के भाव पर खुले।
लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के डाटा के मुताबिक सितंबर 2024 में कुल 32,17,880 नई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां जारी की गईं, जबकि पिछले साल सितंबर 2023 में कुल 22,11,680 लाख नई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां ही जारी की गई थीं।
यह पॉलिसी हर महीने 1,358 रुपये जमा करके 35 वर्षों में 25 लाख रुपये जमा करने का अवसर प्रदान करती है। यह 45 रुपये की दैनिक जमा राशि के बराबर है, जो इसे 15 से 35 साल तक चलने वाली एक लंबी अवधि का निवेश स्कीम बनाती है।
साल यानी 2023 में कुल 57 कंपनियों के आईपीओ आए थे, जिन्होंने कुल मिलाकर 49,436 करोड़ रुपये जुटाए थे। पिछले साल की तुलना में इस साल अभी तक 29 प्रतिशत रकम जुटाई जा चुकी है। लेकिन अभी ये आंकड़े काफी बड़े होने वाले हैं।
इंश्योरेंस में 'सरेंडर वैल्यू' का मतलब उस राशि से है जो पॉलिसी की मैच्यॉरिटी डेट से पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से पॉलिसीहोल्डर को दी जाती है। अगर कोई पॉलिसीहोल्डर पॉलिसी मैच्यॉर होने से पहले उसे सरेंडर करने का फैसला करता है तो उसे इनकम और सेविंग्स का हिस्सा दिया जाएगा।
एलआईसी के ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर जुड़ाव और डेटा आधारित पर्सनलाइजेशन एक्सपीरियंस देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एलआईसी ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्रों में कंपनी की गहन विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर चुना।
आईआरसीटीसी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करे, तो इसमें प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 62.40 फीसदी है। पब्लिक शेयरहोल्डिंग 37.60 फीसदी है। कंपनी का मार्केट कैप 74,512 करोड़ रुपये है।
वह भी क्या दौर था, जब कोई चाह कर भी अपना बीमा नहीं करा सकता था। वक्त बदला और आज बीमा चंद मिनट में कहीं गए बिना हो रहा है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट में पब्लिक सेक्टर की कंपनियों से डिविडेंड के रूप में 56,260 करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। ये वित्त वर्ष 2023-24 में मिले 50,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड से 6260 करोड़ रुपये ज्यादा है।
एलआईसी को जीएसटी डिमांड ऑर्डर के मुताबिक, एलआईसी से जीएसटी के तौर पर ₹2,94,43,47,220, ब्याज के तौर पर ₹ 2,81,70,71,780 और पेनाल्टी के तौर पर ₹ 29,44,73,582 की डिमांड की गई है।
कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं जब व्यक्ति के पास प्रीमियम भरने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं। लेकिन अगर आप ईपीएफओ के मेंबर हैं और सक्रिय रूप से कॉन्ट्रिब्यूशन करते हैं तो आपको प्रीमियम भरने के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
यहां एक बात और ध्यान देने वाली है कि सिर्फ लाइफ इंश्योरेंस होना ही जरूरी नहीं है। यहां मायने ये रखता है कि आपका लाइफ इंश्योरेंस कितना कवर देता है। यहां हम ये जानेंगे कि क्या आपके परिवार के लिए 1 करोड़ रुपये का लाइफ इंश्योरेंस काफी है?
आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी के देश भर में 13,90,920 एजेंट हैं। बड़े राज्यों में, उत्तर प्रदेश में एलआईसी एजेंट की अधिकतम संख्या 1.84 लाख से अधिक है।
आईटीसी का मूल्यांकन 8,569.73 करोड़ रुपये बढ़कर 6,28,399.10 करोड़ रुपये और रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 5,311.4 करोड़ रुपये बढ़कर 20,00,076.41 करोड़ रुपये हो गया।
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