Layoff or New Job: पिछला महीना कई मायनो में खास रहा है। अगर हम रोजगार को लेकर देखें तो मालूम होता है कि हजारों कर्मचारियों की नौकरी गई है, जबकि कर्मचारी राज्य बीमा निगम की रिपोर्ट बता रही है कि नए मौके भी खूब मिले हैं।
नौकरी में कटौती के चलते मेटा के हार्डवेयर और मेटावर्स वर्टिकल के साथ-साथ रियलिटी लैब्स के परियोजनाएं प्रभावित होंगी, जिनका बजट इस समय अरबों डॉलर में है। कंपनी के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, मुझे लगता है कि हमने कंपनी के लिए कुछ हद तक बदलाव किया है।
कुल मिलाकर, लगभग 3 लाख टेक कर्मचारियों ने अब 2022 में और इस साल फरवरी तक नौकरी खो दी है।
Twitter Layoffs: सब समय का फेर है! जिसने कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक करने को लेकर एलन मस्क को आइडिया दिया, आज उसी की नौकरी चली गई। फर्श पर सोने वाली लड़की की भी नौकरी चली गई, जो काम के अधिक प्रेशर के चलते ऑफिस में ही सो गई थी। आज 200 लोगों को कंपनी ने निकाला है।
Yahoo Layoff: याहू अपने यहां से 1000 लोगों को निकालने जा रही है। कंपनी ने इसकी घोषणा करते हुए कारण भी स्पष्ट किया है। बता दें, हाल ही में दूसरी बड़ी टेक कंपनियों ने भी अपने यहां से हजारों की संख्या में छंटनी कर चुकी हैं।
Disney layoffs: मंदी का सबसे अधिक असर जॉब सेक्टर पर पड़ा है, जितनी तेजी से लोगों को नई नौकरी नहीं मिल रही जबकि उससे कई गुना स्पीड में कंपनियां अपने यहां से कर्मचारियों को बाहर कर रही हैं। इस कड़ी में डिज़नी ने भी 7,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है।
Zoom layoffs: जनवरी के महीने की शुरुआत टेक कंपनियों के कर्मचारियों के लिए बेहद खराब रही है। वैश्विक स्तर पर जनवरी में औसतन प्रतिदिन 3,400 से अधिक टेक कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। इस लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियां भी शामिल हैं।
Dell Job Cuts: जनवरी के महीने की शुरुआत टेक कंपनियों के कर्मचारियों के लिए बेहद खराब रही है। वैश्विक स्तर पर जनवरी में औसतन प्रतिदिन 3,400 से अधिक टेक कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। अब इस लिस्ट में डेल जैसी बड़ी टेक कंपनी भी शामिल हो गई है।
अक्टूबर में कंपनी ने कहा कि उसने अपने कुल कर्मचारियों का 5 प्रतिशत यानि कि 50,000 मजबूत वर्क फोर्स में से 2,500 कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी।
IBM SAP Employees in India: दोनों कंपनियों के लिए भारत उनके वैश्विक मुख्यालय के बाहर सबसे बड़ा कर्मचारी बेस है। IBM के भारत में 1 लाख से अधिक कर्मचारी होने का अनुमान है। सैप के यहां करीब 15,000 इंजीनियर हैं।
Google HR Job News: गूगल द्वारा हाल ही में 12,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था। उसमें से एक ऐसी HR भी थी, जिसे छंटनी का मेल इंटरव्यू लेने के दौरान रिसीव हुआ था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल एसोसिएशन फॉर बिजनेस इकोनॉमिक्स (एनएबीई) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में से केवल 12 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि उनकी फर्मो में अगले तीन महीनों में रोजगार बढ़ेगा।
SAP lay off: छंटनी का वेव इस कदर कंपनियों से होकर गुजर रहा है कि आज के समय में लगभग कंपनियां अपने यहां से कर्मचारियों को बाहर निकाल रही है। यह धीरे-धीरे मार्केट में जॉब को लेकर बढ़ती डिमांड को दिखा रहा है।
ग्लोबल स्तर पर हो रही छंटनी के इस दौर में अब एक और कंपनी का नाम जुड़ चुका है। अब अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम (IBM) ने भी अपने 3900 कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया है।
कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों के बाद यह पहली बार है कि अधिक कारोबारियों ने अपनी फर्मो में नौकरियों के सिकुड़ने का अनुमान लगाया है।
देश और दुनिया में लगातार अलग-अलग कंपनियां इस तरह से छंटनी को अंजाम दे रही हैं। कुछ इसे कंपनी के नुकसान के चलते आर्थिक स्थिति भविष्य के लिए ना बिगड़े इसे देखते हुए उठाया गया कदम बता रही हैं तो कुछ प्रॉफिट में होने के बावजूद कर्मचारियों के परफॉर्मेंस का हवाला देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दे रही हैं।
स्थिति बहुत खराब है। जो लोग एच-1बी वीजा पर यहां आए हैं उनके लिए तो स्थिति और भी विकट है क्योंकि उन्हें 60 दिन के भीतर नई नौकरी ढूंढ़नी होगी या फिर भारत लौटना होगा।
जून में, रिपोर्ट पहली बार सामने आई कि स्पोटिफाई कम से कम 25 प्रतिशत नई नियुक्तियों को कम कर रहा है क्योंकि टेक कंपनियां अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों का सामना कर रही हैं।
एक के बाद एक आईटी कंपनियां अपने यहां से कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं। इसी कड़ी में विप्रो ने धमकी भरा मेल भेज कर फ्रेशर्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जानिए मेल में क्या कहा गया है?
कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने ऐसा करने के पीछे का वजह बताया है। बता दें, 2022 के मध्य में Google ने काम पर रखना बंद कर दिया था। इन 12,000 कर्मचारियों के लिए सोमवार को कर्मचारियों के साथ एक टाउन हॉल आयोजित करेगी।
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