श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों, खासकर असंगठित क्षेत्र के काम करने वाले मजदूरों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) को संशोधित करके न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
आहूजा ने ठेकेदारों द्वारा अपंजीकृत मजदूरों से काम कराने के मामले बढ़ने से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के तरीके पर बात की। उन्होंने कहा कि चार श्रम संहिताओं के लिए ठेकेदारों को अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इन श्रमिकों को व्यापक लाभ प्रदान करना होगा।
Labour Day PM Modi: भारत में वामपंथी लोग शुरुआत में लेबर डे का नेतृत्व कर रहे थे। 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में पहली बार मजदूर दिवस चेन्नई में मनाने का फैसला लिया गया था।
New Labour Code: काम करने वाले कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार (Central Government) के तरफ से जल्द एक अच्छी खबर मिलने वाली है।
केंद्र की मोदी सरकार के आगे सुधारों की लंबी फेहरिस्त है। लेकि अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार का रिस्पॉन्स चुनाव भविष्य में होने वाले राज्यों के चुनाव पर भी निर्भर करेगी।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के मकसद से सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानूनों में जरूरी संशोधन करती है।
सरकार नए कानूनों में ओवरटाइम के लिए मौजूदा समय सीमा को बदल सकती है। नए श्रम कानूना के तहत निर्धारित समय से 15 मिनट ज्यादा काम करने पर भी कर्मचारी ओवरटाइम के लिए पात्र माने जाएंगे।
श्रम मंत्रालय ने चारों संहिताओं को अप्रैल से लागू करने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए कुल 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है।
मजदूरी की नई परिभाषा पिछले साल संसद द्वारा पारित मजदूरी संहिता, 2019 का हिस्सा है। सरकार एक अप्रैल 2021 से तीन अन्य संहिताओं के साथ इसे भी लागू करना चाहती है। नई परिभाषा के अनुसार किसी कर्मचारी के भत्ते, कुल वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकते।
मजदूरों को बेहतर स्वास्थ्य, नौकरी छूटने पर राहत, और शिकायतों के जल्द निपटारे के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकार के मुताबिक इससे मजदूरों का जीवन और बेहतर बनाया जा सकेगा।
महिलाओं और बच्चों से जुड़े श्रम कानून के प्रावधान और कुछ अन्य श्रम कानून लागू रहेंगे।
समिति ने सिफारिश की है कि ले-ऑफ, छंटनी या कंपनी बंद करने से जुडे विशेष प्रावधन उन उद्योग प्रतिष्ठानों पर लागू होने चाहिए जिनमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 300 है।
श्रम सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाते हुए श्रम मंत्रालय अगले सप्ताह वेतन संहिता विधेयक के मसौदे को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रख सकता है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि श्रम कानूनों में सुधार की प्रक्रिया तेज करने हेतु श्रमिक संगठनों को 14 सितंबर को दिल्ली बुलाया गया है
कैबिनेट ने नई वेतन संहिता विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे श्रम क्षेत्र से जुड़े 4 कानूनों को एकीकृत कर सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित हो सकेगा।
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