दलहन और तिलहन की खेती का रकबा बढ़ने से दालों व तेल की कीमत कम करने में मदद मिलेगी। इससे आम लोगों को भी राहत होगी। आपको बता दें कि देश में दाल और तेल की मांग को पूरा करने के लिए अभी महंगे आयात का भी सहारा लेना पड़ता है।
केंद्र सरकार ने इस साल किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य तो बढ़ा दिया है लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से कहीं किसान इसका लाभ उठाने से वंचित न रह जाएं। देशभर में अबतक औसत के मुकाबले कम बरसात दर्ज की गई है जिस वजह से खरीफ बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है, ऐसे में खरीफ उत्पादन प्रभावित होगा और किसानों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का ज्यादा लाभ नहीं मिल सकेगा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2017-18 के लिए खरीफ फसलों का पहला अग्रिम अनुमान (1st Advance Estimate) जारी कर दिया है।
पिछले साल का करीब 30-35 लाख टन दलहन का स्टॉक बचा हुआ है जो इस साल खपत होगा और दाल कीमतें बढ़ने से रुक सकती हैं
तुअर दाल की दरें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने के कारण नाफेड ने खरीदारी शुरु कर दी है। कीमतें 5050 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ गई हैं।
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