सरकार के पास प्याज का 4.5 लाख टन का बफर स्टॉक है, जिसमें से अबतक 1.5 लाख टन की बिक्री की जा चुकी है। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि बफर स्टॉक प्याज को पहली बार रेलवे के माध्यम से प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है और इससे सप्लाई बढ़ाने में मदद मिल रही है।
नवंबर के आसपास काटी जाने वाली खरीफ चावल की फसल भारत के कुल चावल उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत है। कुल चावल का रकबा 1.64 मिलियन हेक्टेयर बढ़कर 41 मिलियन हेक्टेयर हो गया है।
कृषि क्षेत्र में आगे और बढ़त देखने को मिल सकती है। इसकी वजह आम बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने और लचीलापन लाने के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित करना है।
दलहन और तिलहन की खेती का रकबा बढ़ने से दालों व तेल की कीमत कम करने में मदद मिलेगी। इससे आम लोगों को भी राहत होगी। आपको बता दें कि देश में दाल और तेल की मांग को पूरा करने के लिए अभी महंगे आयात का भी सहारा लेना पड़ता है।
ख़रीफ फसलों का कुल रकबा मामूली रूप से बढ़कर 979.88 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 972.58 लाख हेक्टेयर था।
Kharif Crops: रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 में मक्का उत्पादन सालाना आधार पर 1 फीसदी बढ़कर 21।95 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार भारत में मुद्रास्फीति का दबाव कम होता हुआ दिख रहा है।
धान की बुवाई अब तक 12.39 प्रतिशत घटकर 309.79 लाख हेक्टेयर रही है। इसका कारण विशेषकर झारखंड और पश्चिम बंगाल में बुवाई रकबे का कम रहना है।
हालांकि, इस साल खरीफ सत्र के दौरान मोटा अनाज और तिलहन उत्पादन मामूली रूप से कम रहने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय इस साल खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन 15 करोड़ टन से अधिक होने की उम्मीद कर रहा है, जो फसल वर्ष 2020-21 के इसी सत्र में हासिल किए गए 14 करोड़ 95 लाख टन से अधिक है।
मौसम विभाग ने अनुमान दिया है कि अगस्त और सितंबर के दौरान पूरे देश में बारिश सामान्य के 95 प्रतिशत से 105 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
इस बार मानसून आपने प्रारंभ की सामान्य तिथि से एक सप्ताह पहले 23 जून को खरीफ फसल के रकबे के लगभग 93 प्रतिशत हिस्से तक पहुंच गया था।
खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मंजूरी दे दी है।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने खरीफ की बुवाई शुरू होने से पहले उत्तर प्रदेश के हरदोई और लखनऊ जिलों में 20,000 किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीच दान करने का फैसला किया है।
सरकार ने प्याज की नियमित रूप से बड़े पैमाने पर खेती नहीं करने वाले राज्यों से ही प्याज का उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
2020-21 खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1,445.2 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
1.7 लाख किसानों से एमएसपी मूल्य पर कुल 20,37,634 टन धान की खरीद की गई है, पूरी खऱीद 3,847.05 करोड़ रुपये में की गई है। चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने धान का एमएसपी (सामान्य ग्रेड) के लिए 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ए-ग्रेड किस्म के लिए 1,888 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय गया है।
कृषि सचिव ने कहा कि एमएसपी पर खरीद पहले भी की जा रही थी, अब भी की जा रही है और इसे भविष्य में भी किया जाएगा। किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
केयर रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2020-21 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों के पहले अग्रिम अनुमान में 14.452 करोड़ टन खाद्न्नय उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया है
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को 2020- 21 की प्रमुख खरीफ फसलों का पहला अग्रिम उत्पादन का अनुमान जारी किया।
लेटेस्ट न्यूज़