डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने व्यापारियों को डिजिटल माध्यम को अपनाने के बारे में शिक्षित करने के लिए पूरे भारत में करीब 20,000 फील्ड सेल्स कार्यकारियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अगर आप भी नौकरी की तलाश में है या नौकरी बदलना चाहते है तो आपके लिए अच्छी खबर है। 3 लाख से ज्यादा नई नौकरियां आने वाली है। ऐसे में इसके लिए अपने आपको तैयार कर लें।
देश में रोजगार परिदृश्य और आर्थिक संभावनाओं को लेकर शहरी भारतीयों का विश्वास कमजोर बना हुआ है, हालांकि जुलाई में सभी उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि दर्ज की गई है।
देश में धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाए जाने के साथ जून में ज्यादातर क्षेत्रों में नियुक्ति की गतिविधि में सकरात्मक वृद्धि दर्ज की गयी। जॉब पोर्टल साइकी मार्केट नेटवर्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक जून में नियुक्ति गतिविधियों में सुधार देखा गया, जो गैर-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी सुधार का संकेतक है।
लिंक्डइन पर भारत में नियुक्ति दर इस साल मार्च में 50 प्रतिशत थी जो अप्रैल 2021 में घटकर 10 प्रतिशत पर आ गयी। वित्त, कॉरपोरेट सेवा, विनिर्माण, स्वास्थ्य और हार्डवेयर तथा नेटवर्किंग जैसे कुछ प्रमुख उद्योग सक्रियता से नियुक्ति कर रहे हैं।
कंपनी के मुताबिक आधी नौकरियां महिलाओं के लिये होगी और ये डिजाइन, मार्केटिंग, सप्लाई चेन, फाइनेंस आदि क्षेत्रों में मिलेंगी।
योजना के तहत 58.50 लाख अनुमानित लाभार्थियों के लिये 22,810 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है। योजना का मकसद कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम करके रोजगार को बढ़ावा देना है।
विभिन्न उद्योगों खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्वचालन के रफ्तार पकड़ने के साथ 1.6 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाली घरेलू सॉफ्टवेयर कंपनियां 2022 तक 30 लाख कर्मचारियों की छंटनी करेंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक पांच प्रतिशत उद्योग नौकरियों के विज्ञापन देने के लिहाज से मासिक आधार पर सकारात्मक बढ़त का संकेत दे रहे हैं।
एजेंसी ने कहा कि विश्वभर में महामारी की लहर बार-बार आने से कामकाजी समय का नुकसान बढ़ा है। 2021 की पहली तिमाही में 4.4 प्रतिशत कामकाजी समय का नुकसान हुआ, यानी 14 करोड़ पूर्णकालिक श्रमिक एक साल तक काम कर सकते थे।
प्रमुख भारतीय ग्लोबल बिजनेस समुह डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ कंपनीज (DPGC) ने 40 लाख भारतीयों को नौकारी देने के साथ ही इसके जरिए इस वित्त संकट से देश को मुक्त करने के लिए रोजगार सृजन के उपायों की घोषणा की है।
बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे कुछ शहरों में नियुक्ति संबंधी गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि भी देखी गयी
दुनियाभर में छोटे व्यवसाय अभी भी चल रही महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच यह सामने आया है कि भारत में छोटे और मध्यम व्यवसाय (एसएमबी) बड़े स्तर पर बंद हो रहे हैं।
अमेरिकी श्रम विभाग के आंकड़ो से पता चलता है कि अमेरिकी नियोक्ताओं ने मार्च में 916,000 लोगों को नौकरियां दी है। इस शानदार कामयाबी की वजह से बेरोजगारी की दर 6.0 प्रतिशत तक कम हो गई है।
गिग अर्थव्यवस्था यानी कुछ समय के लिये नियुक्त किये जाने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था से गैर-कृषि क्षेत्रों में 9 करोड़ रोजगार सृजन में मदद मिल सकती है।
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) कंपनी विजनेट को 2021 और 2022 में सालाना आधार पर 50 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) से लगभग 16.5 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं यह योजना कोविड-19 महामारी की रोक-थाम के लिए लागू सार्वजनिक पाबंदियों के बीच संगठित क्षेत्र में नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए अक्टूबर में शुरू की गयी थी।
अप्रैल 2020 और जनवरी 2021 के बीच तकनीकी क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों के लिए भर्ती महामारी से पहले के स्तर से लगातार ऊपर बनी हुई है। इसमें नवंबर 2020 में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
भारतीय कंपनियां इस साल यानी 2021 में अपने कर्मचारियों के वेतन में करीब 7.7 प्रतिशत की वृद्धि करेंगी। यह ब्रिक (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) देशों में सबसे अधिक है।
अमेरिका स्थित कंपनी के भारत में दो लाख से अधिक कर्मचारी हैं और उम्मीद है कि इस साल वह देश में 23,000 से अधिक नए स्नातकों की भर्ती करेगी।
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