इंफोसिस के सीएफओ जयेश संघराजका ने कहा कि पिछली कई तिमाहियों में हम चुस्त भर्ती आधार पर आगे बढ़े हैं। हम कैंपस के अंदर और बाहर से फ्रेशर्स को नियुक्त करते हैं।
पिछले साल देश में वित्तीय सेवाओं में 46.86 लाख नौकरियां पैदा हुईं। इनमें से सिर्फ 27.5 लाख नौकरियां ही भरी गईं। इससे पता चलता है कि 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं था।
पीएम मोदी ने लगभग 20 अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से पांच-पांच मिनट तक बात की। इस बात की काफी उम्मीद की जा रही है कि इनके लिए बजट में कुछ खास घोषणाएं की जा सकती हैं।
राज्य सरकार ने 10 संकल्पों पर काम करने का फैसला किया है। मंत्री ने कहा कि राज्य को 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने, पानी, बिजली और सड़क सुविधाओं बेहतर करने, नियोजित शहरी विकास और किसानों को सशक्त बनाने को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।
पिछले पांच वर्षों में कुल रोजगार 2019-20 के 53.44 करोड़ से बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 में ‘कृषि, शिकार, वानिकी और मछली’ क्षेत्र ने 25.3 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार दिया था।
पीएलएफएस और आरबीआई के केएलईएमएस आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2017-18 से लेकर 2021-22 के दौरान आठ करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए।
फिल्म सिटी के निर्माण से राज्य और पड़ोसी राज्यों के 50,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे जबकि अप्रत्यक्ष रूप से पांच से सात लाख लोगों को नौकरी के अवसर मिलेंगे। बयान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण छह महीने के भीतर शुरू हो जाएगा।
रोजगार परिदृश्य के लिए किये गए सर्वे में भारत वैश्विक स्तर पर छठे स्थान पर है, जो वैश्विक औसत से आठ अंक ऊपर है। यह सर्वे 42 देशों में किया गया है।
CIEL HR Services द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि स्टार्टअप क्षेत्र में गंभीर हाई एट्रिशन दर का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें औसत कार्यकाल 2-3 साल है।
एंट्री लेवल जॉब के लिए डिजाइन, एनालिस्ट्स और प्रोग्रामिंग टॉप स्किल हैं, जिनकी मांग सबसे ज्यादा है। लेटेस्ट रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि हाइब्रिड नौकरियों में 52 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है।
पेटीएम के लिए परेशानी इसी साल 31 जनवरी को शुरू हुई, जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को अन्य प्रतिबंधों के अलावा अतिरिक्त जमा और टॉप-अप स्वीकार करने और ग्राहक खातों में क्रेडिट लेनदेन करने से प्रतिबंधित कर दिया।
डेलॉयट इंडिया की लेटेस्ट स्टडी के मुताबिक, एक और दो साल में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर क्रमशः 21 प्रतिशत, 26 प्रतिशत और 28 प्रतिशत दर्ज की गई है।
तेल एवं गैस सेक्टर ने अप्रैल 2024 में सालाना आधार पर 15% ज्यादा लोगों को नई नौकरियां दी।
पार्ट टाइम जॉब करते हैं तो भी ले सकते हैं पर्सनल लोन। कई बैंक आसानी से लोन मुहैया करा रहे हैं।
रीयल एस्टेट सेक्टर का मानना है कि बीते 10 सालों में सरकार की नई नीतिगत सुधारों का मजबूत सपोर्ट मिला है। इस दौरान घरों की डिमांड और कीमतों में भी शानदार ग्रोथ देखने को मिली। इससे नौकरियों के मौके तेजी से बढ़े।
भारत में रोजगार की गाथा सिर्फ वेतन तक सीमित नहीं है। लचीलापन, कामकाज का तरीका और पेशेवर वृद्धि के अवसर नौकरी बदलने में महत्वपूर्ण हो रहे हैं, जो एक परिपक्व तथा समग्र रोजगार परिवेश को दर्शाते हैं।
मार्च, 2023 से मार्च, 2024 तक के भर्ती आंकड़ों के विश्लेषण से तैयार रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्राहकों को अस्थायी रूप से सेवाएं देने वाले पेशेवरों या फ्रीलांस काम में एक साल पहले की तुलना में 184 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
कई कर्मचारी बेल के साथ लंबे समय से जुड़े थे। कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ यूनिफ़ोर ने कंपनी के इस फैसले को शर्मनाक से भी परे बताया है। बेल ने पहले फरवरी में 4,800 पदों को खत्म करने की योजना की घोषणा की थी।
जोड़े गए नए सदस्यों में 18-25 साल की आयु वर्ग के अधिकांश सदस्य हैं। इनकी संख्या जनवरी 2024 में जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 56.41 प्रतिशत है।
चन्द्रशेखरन ने कहा कि इन संयंत्रों के लगने से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत है। आगे चलकर इसका विस्तार होगा। हम यहां 50,000 नौकरियां और असम के संयंत्र में 20,000-22,000 नौकरियां तलाश रहे हैं। लेकिन इसमें समय लगेगा।
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