पैसेंजर कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने 30 जून को खत्म हुए छमाही में 18,845 अस्थायी कर्मचारियों को रोजगार दिया. जो पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी या 1,181 कर्मचारी कम हैं।
जापान की संकटग्रस्त वाहन कंपनी निसान ने कहा कि वह 12,500 लोगों की छंटनी करेगी। कंपनी का मुनाफा अप्रैल-जून तिमाही में 95 प्रतिशत गिरा है।
हुवावे की कारोबारी गतिविधियों में कमी का कारण अमेरिका का कंपनी तथा उसकी 68 अनुषंगी इकाइयों पर पाबंदी है।
बजट 2019-20 के दस्तावेजों के अनुसार एक मार्च, 2017 तक विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की संख्या 32,38,397 थी, जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 36,19,596 हो गई।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, संगठित या औपचारिक क्षेत्र में मार्च 2019 में शुद्ध रूप से 8.14 लाख नौकरियों का सृजन हुआ।
कार बनाने वाली फोर्ड (Ford) कंपनी दफ्तर वाली करीब 7,000 नौकरियां समाप्त करने जा रही है। यह वैश्विक स्तर पर कार्यरत उसके कार्यबल का 10 फीसदी है।
जीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की यह रिपोर्ट सीएमआईई-सीपीडीएक्स के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें बताया गया है कि भारत के बेरोजगारों में अधिकांश युवा हैं।
चीन की अलीबाबा से वित्त पोषित पेटीएम मॉल देश की तेजी से आगे बढ़ती ऑनलाइन से ऑफलाइन (ओ2ओ) कंपनी है। पिछले छह महीने में कंपनी का ओ2ओ कारोबार 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर से बढ़ा है।
जनवरी महीने में जो नए रोजगार सृजित हुए वह एक साल पहले इसी महीने की तुलना में 131 प्रतिशत अधिक है।
कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किया जाने वाला मासिक सर्वेक्षण निक्की इंडिया सर्विसेस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (सेवा क्षेत्र का पीएमआई) जनवरी में 52.2 अंक रहा, जो दिसंबर में 53.2 अंक था।
फ्रांस और जर्मनी में इससे अधिक कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है, हालांकि कंपनी ने इसका विस्तृत विवरण नहीं दिया।
देश की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और स्टार्टअप कंपनियां 2019 में पांच लाख लोगों को रोजगार दे सकती हैं।
इस साल सितंबर में पिछले साल के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा 9.73 लाख लोगों को रोजगार दिया गया।
आनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म की दिग्गज कंपनी अमेजन इंडिया त्योहारों के मौके पर सस्ते प्रोडक्ट खरीदने का ही नहीं बल्कि पैसे कमाने का भी मौका दे रही है।
ज्यादातर क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के वेतन में नियमित रूप से वृद्धि तो हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कामगारों के एक बड़े वर्ग का मासिक वेतन 10,000 रुपये से भी कम है।
रोजगार के मोर्चे पर विपक्ष के वार झेल रही मोदी सरकार के लिए ताजा आंकड़े काफी राहत दे सकते हैं। देश में जुलाई महीने में करीब 14 लाख रोजगार का सृजन हुआ।
भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया दो कंपनियों के आपस में विलय से 10 अरब डॉलर बचाने की योजना पर काम कर रही है।
जापान की वाहन निर्माता कंपनी निसान ने भारत में अपने अनुसंधान एवं विकास तथा वैश्विक डिजिटल केंद्र को मजबूत बनाने के लिए 1,500 लोगों को नियुक्त करने की योजना बनाई है।
देश में इस साल जून तक दस माह की अवधि के दौरान करीब 1.2 करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां देश में रोजगार के एक बड़े क्षेत्र के रूप में उभर रही हैं। इस क्षेत्र में अब तक तकरीबन 89 लाख लोगों को रोजगार मिला है और वर्ष 2022 तक तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
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