महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने आज यानी 15 अक्टूबर से ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। चुनाव आयोग ने राज्य में कई फ्लाइंग स्क्वॉड और सर्वीलांस टीमों को तैनात किया है।
इम्पोर्ट के सेटलमेंट से जुड़े बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे चांदी का आयात करने वाले ज्वैलर्स को 11 दिन के लिए एडवांस पेमेंट भेजने की परमिशन दें।
सोने की बिक्री से जुड़े नियमों में सरकार की ओर से महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, जिसे 1 अप्रैल, 2023 से लागू किया जाएगा। आइये जानते हैं इसके बारे में
Joyalukkas सबसे बड़े आभूषण खुदरा और ई-कॉमर्स श्रृंखलाओं में से एक है, जो लगभग 68 शहरों में शोरूम का संचालन करती है और देश के सबसे बड़े आभूषण खुदरा विक्रेताओं में से एक है।
ऐसा अनुमान है कि भारत में हर साल 10.12 करोड़ गोल्ड ज्वेलरी पीस बनाए जाते हैं। इसके अलावा 6-7 करोड़ पीस का मौजूदा स्टॉक भी हॉलमार्किंग के लिए बचा है।
एएआर की कर्नाटक पीठ ने निष्कर्ष दिया कि जीएसटी सिर्फ बिक्री मूल्य और खरीद मूल्य के मार्जिन पर ही देय होगा, क्योंकि इस आभूषण को गलाकर नया आभूषण नहीं बनाया जा रहा।
रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक बैंकों को गोल्ड लोन का कुछ हिस्सा एक किलो अथवा इससे अधिक सोने के रूप में लौटाने का विकल्प लेनदारों को देना चाहिए।
जीजेसी ने सभी आभूषण विक्रेताओं से खुद को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत कराने का आग्रह किया है।
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते रत्न और आभूषण उद्योग को लगातार दूसरे साल अक्षय तृतीया के अवसर पर ब्रिकी में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा।
अक्षय तृतीय के दिन शुक्रवार को कारोबार की शुरुआत काफी कमजोर रही और आभूषण विक्रेताओं को इस बार 10 से 15 प्रतिशत बिक्री कारोबार होने की उम्मीद लग रही है।
अक्षय तृतीय के दिन शुक्रवार को कारोबार की शुरुआत काफी कमजोर रही और आभूषण विक्रेताओं को इस बार 10 से 15 प्रतिशत बिक्री कारोबार होने की उम्मीद लग रही है।
ज्वैलर मेकिंग चार्जेस में 30 फीसदी तक छूट ऑफर कर रहे हैं।
बाजार सूत्रों ने कहा कि स्थानीय आभूषण कारोबारियों की कमजोर मांग के कारण सोने में गिरावट आई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के बावजूद स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की मांग बढ़ने के कारण घरेलू हाजिर बाजार में इस बहुमूल्य धातु सोने की कीमतों में उछाल आया।
सर्राफा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के साथ स्थानीय आभूषण निर्माताओं की घटी मांग की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
विदेशों में सोने की कीमतों में तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग के कारण यह गिरावट आई है।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं उठाव बढ़ने के अलावा मजबूत वैश्विक रुख के चलते प्रमुख तौर पर चांदी की कीमतों में तेजी आई है।
विश्लेषकों के मुताबिक, सोने की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण सकारात्मक वैश्विक रुख के साथ स्थानीय मांग में वृद्धि होना है।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि छह वर्षों में पहली बार बुधवार को सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत 1,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर को लांघ गई।
दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत बुधवार को 1,113 रुपये की तेजी के साथ 37,920 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वोच्च स्तर को छू गया। अमेरिका और चीन के बीच ताजा व्यापार तनाव के बढ़ने से निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के विकल्प के बतौर सर्राफा की ओर रुख किया जिससे विदेशी बाजारों में तेजी का रुख रहा।
लेटेस्ट न्यूज़