अप्रैल से जुलाई के बीच तराशे गए हीरों का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 46.5 फीसदी गिरा
लॉकडाउन की वजह से सोने की खरीदारी में दिखी तेज गिरावट
कारोबारियों के मुताबिक एक माह में कारोबार सामान्य स्थिति में पहुंच सकता है
कोरोना वायरस का प्रभाव दूसरी तिमाही में इससे भी बुरा होगा, क्योंकि लॉकडाउन मई तक बढ़ाया गया है और स्थितियां सामान्य होने में अभी और समय लगेगा।
ज्वैलर मेकिंग चार्जेस में 30 फीसदी तक छूट ऑफर कर रहे हैं।
स्टोर बंद रहने की वजह से ज्वैलर्स ऑनलाइन खरीदारी और सांकेतिक खरीद के विकल्प लेकर आ रहे हैं।
SBI के मुताबिक बीमा न होने से उद्योग पर बैंकों का भरोसा कम है
त्यौहार के मौसम की शुरुआत में, सोने की कीमतें पिछले महीने 40,000 रुपए प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई पर जा पहुंची थी और अभी भी कीमत अधिक बनी हुई हैं।
बाजार सूत्रों ने कहा कि स्थानीय आभूषण कारोबारियों की कमजोर मांग के कारण सोने में गिरावट आई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के बावजूद स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की मांग बढ़ने के कारण घरेलू हाजिर बाजार में इस बहुमूल्य धातु सोने की कीमतों में उछाल आया।
सर्राफा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के साथ स्थानीय आभूषण निर्माताओं की घटी मांग की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
विदेशों में सोने की कीमतों में तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग के कारण यह गिरावट आई है।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं उठाव बढ़ने के अलावा मजबूत वैश्विक रुख के चलते प्रमुख तौर पर चांदी की कीमतों में तेजी आई है।
विश्लेषकों के मुताबिक, सोने की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण सकारात्मक वैश्विक रुख के साथ स्थानीय मांग में वृद्धि होना है।
गिरावट का कारण विदेशी बाजारों में इसकी कीमत 1,500 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर मजबूत होने के बावजूद स्थानीय सर्राफा व्यापारियां की मांग में कमी आना था।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि छह वर्षों में पहली बार बुधवार को सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत 1,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर को लांघ गई।
दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत बुधवार को 1,113 रुपये की तेजी के साथ 37,920 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वोच्च स्तर को छू गया। अमेरिका और चीन के बीच ताजा व्यापार तनाव के बढ़ने से निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के विकल्प के बतौर सर्राफा की ओर रुख किया जिससे विदेशी बाजारों में तेजी का रुख रहा।
कारोबारियों ने कहा कि कमजोर वैश्विक प्रवृत्ति के बीच स्थानीय जौहरियों की कमजोर मांग से सोने के भाव पर असर पड़ा।
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि घरेलू बाजार में 36,970 रुपए प्रति दस ग्राम का भाव अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
कारोबारियों के मुताबिक कमजोर वैश्विक रुख और घरेलू बाजार में सुस्त लिवाली से कीमती धातुओं में गिरावट का रुख रहा।
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