वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी HSBC का कहना है कि जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.7% रहने में मुख्य रूप से ‘ सरकार का हाथ ’ है। इसके अनुसार आलोच्य तिमाही में निर्यात व निजी खपत के मोर्चों पर प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। यह सात तिमाहियों का उच्चस्तर है।
मार्च तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रह सकती है जो नोटबंदी के बाद सबसे अच्छी तिमाही ग्रोथ होगी। मार्च तिमाही से पहले दिसंबर तिमाही में ग्रोथ 7.2 प्रतिशत थी और वित्तवर्ष 2016-17 की मार्च तिमाही में ग्रोथ 6.1 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
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